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________________ ५२२ ] दिगम्बर जैन साधु मुनिश्री कुन्थसागरजी महाराज द्वारा दीक्षित शिष्य मुनि श्री वीरसागरजी क्षुल्लक श्री कनकनन्दीजी आर्यिका चन्द्रमतीजी क्षुल्लिका कुलभूषणमतीजी क्षुल्लक कामविजयनन्दीजी KINNAMAHAMANANAMANNAHMMANAYANAM K मुनि श्री वीरसागरजी महाराज __ आपने सं० १९८५ में परसाद ( उदयपुर) में जन्म लिया। आपके पिता का नाम श्री चम्पालालजी था। आपका पूर्व नाम गणेशीलालजी था। आपके २ बच्चे हैं। पाप कपड़े का काम करते थे। प्रतिदिन स्वाध्याय करते थे मन में वैराग्य आया तथा मुनि पार्श्व- . सागरजी से क्षुल्लक दीक्षा धारण की सं० २०३५. . में फाल्गुन सुदी पूर्णिमा के दिन आपने कुन्थसागरजी से तारंगाजी क्षेत्र पर दिगम्बर मुद्रा . धारण की। आपका स्वभाव बड़ा सरल है नित्य ही ज्ञान ध्यान में लीन रहते हैं। ... 'm. 1 7 . . . . . : ".'.' :. .
SR No.010188
Book TitleDigambar Jain Sadhu Parichaya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDharmchand Jain
PublisherDharmshrut Granthmala
Publication Year1985
Total Pages661
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size31 MB
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