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________________ दिगम्बर जैन साधु [ ५२३ क्षुल्लक श्री कनकनन्दीजी महाराज आपका जन्म ओडिशा प्रान्त में हुआ था। आपके पिता का नाम मोहन प्रधान एवं माता का नाम रुकमणी देवी था, आपकी जाति क्षत्रिय काश्यप वंश है । आप छात्र अवस्था से ही धर्म, रूढ़ि एवं अन्धविश्वास आदि के बारे में परीक्षा करने लगे, धर्म का स्वरूप जानने के लिये एवं विभिन्न धर्मों की परीक्षा करने के लिये आप भारत के विभिन्न धर्म संस्थापकों एवं धर्म प्रचारकों के पास गये, आपने मैट्रिक पास करके लौकिक शिक्षा का त्याग कर दिया । जैन धर्म की परीक्षा करने के लिये शिखरजी पाये एवं एक दो माह परीक्षा के बाद मुनि श्री कुन्थुसागरजी एवं सिद्धान्त विशारदा श्री १०५ आ० विजयमती माताजी के पास गोम्मटसार जीवकाण्ड एवं कर्म काण्ड तक ४ वर्ष में अध्ययन करके २४ वर्ष की उम्र में पपौराजी में मुनि श्री १०८ कुन्थसागरजी महाराज से दीक्षा ग्रहण की। दीक्षा नाम क्षुल्लक कनकनन्दि रखा गया। आर्यिका चन्द्रमती माताजी जन्म स्थान-बेलापुर ग्राम ( मैनपुरी) जन्म-अगहन बदी २ विक्रम १९८२ नाम-चन्द्रकली बाई पिता का नाम-श्री लालारामजी माता का नाम-कस्तूरीबाईजी वैराग्य का कारण-संसार की असारता देखकर स्वयं वैराग्य दीक्षा गुरु-कुन्थसागरजी दीक्षा उम्र-३० वर्ष वर्तमान आयु-५६ वर्ष क्षुल्लिका कुलभूषरणमती माताजी आपका जन्म ललितपुर यू० पी० में हुआ। आपके पिता का नाम पूरनचन्दजी था। आपने परवार जाति में जन्म सन् १९६० में लिया था। आपका पूर्व नाम श्री कान्तिवाई था आपकी
SR No.010188
Book TitleDigambar Jain Sadhu Parichaya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDharmchand Jain
PublisherDharmshrut Granthmala
Publication Year1985
Total Pages661
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size31 MB
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