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________________ दिगम्बर जैन साधु [ २२६ मुनिश्री समतासागरजी महाराज आपका जन्म मध्यप्रदेश में रायसेन नामक जिले में मड़खेरा नामक ग्राम में हुआ । आपके पिता का नाम श्री इन्दरचन्दजी, माता का नाम श्रीमति सोनाबाई था। आपके यहां व्यापार एवं खेती का कार्य होता था । पूरा परिवार धर्म श्रद्धा से ओतप्रोत था । आपके बड़े भाई मुनि श्री वोधसागरजी के नाम से जाने जाते थे । भाई की संगति एवं उनके प्रवचनों से आपके मन में वैराग्य बढ़ा तथा आपने मासोपवासी. मुनि श्री सुपार्श्वसागरजी से ५ वी प्रतिमा के व्रत धारण किए । संघ में रहकर धर्म साधना करते रहे । पू० आचार्य श्री धर्मसागरजी से केशरियाजी सन् १९८० में आपने • मुनि दीक्षा ली । पाप प्रतिदिन १०० माला.णमोकार मंत्र की जाप्य किया करते हैं तथा प्राय:कर सारा समय मौन में ही व्यतीत करते हैं । आप संघ के तपस्वी सन्त शिरोमणी साधु हैं । आपके चरणों में शत शत वंदन । COM
SR No.010188
Book TitleDigambar Jain Sadhu Parichaya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDharmchand Jain
PublisherDharmshrut Granthmala
Publication Year1985
Total Pages661
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size31 MB
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