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________________ [ २०१ दिगम्बर जैन साधु प्रायिका श्रेयांसमतीजी . ... .. ... .... .. . श्री १०५ आर्यिका श्रेयांसमतीजी का गृहस्थ अवस्था का नाम लीलावतीबाई था । आपका जन्म आज से ५० वर्ष पूर्व पूना ( महाराष्ट्र ) में हुआ। आपके पिता का नाम श्री दुलीचन्द्रजी व माता का नाम श्रीमती सुन्दरबाई था । आप खण्डेलवाल जाति की भूषण एवं बड़जात्या गोत्रज हैं। आपकी लौकिक शिक्षा कक्षा ५ वीं तक हुई । आपका विवाह मूलचन्द्रजी पहाड़े से हुआ । जो आगे चलकर मुनि श्रेयांससागरजी हुए । आपके परिवार में दो पुत्र व दो पुत्रियां हैं। पति के दीक्षा लेने व संसार की नश्वरता का विचारकर आपने वि० सं० २०२१ में श्री १०८ आचार्य शिवसागरजी से शान्तिवीर नगर ( महावीरजी) में दीक्षा ले ली । आपने महावीरजी, कोटा, उदयपुर, प्रतापगढ़ आदि स्थानों पर चातुर्मास कर धर्म प्रभावना की। आपने तेल, दही, घी, नमक आदि का त्याग किया है। wir.. - in-md- MuskanianhaEN
SR No.010188
Book TitleDigambar Jain Sadhu Parichaya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDharmchand Jain
PublisherDharmshrut Granthmala
Publication Year1985
Total Pages661
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size31 MB
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