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________________ २०० ] दिगम्बर जैन साधु प्रायिका कल्याणमतीजी Th..'' आर्यिका श्री १०५ कल्याणमतीजी का गृहस्थावस्था का नाम बिलासमती था। आपका जन्म आज से ५५ वर्ष पूर्व मुबारिकपुर (मुजफ्फर नगर ) में हुआ था । आपके पिता श्री समयसिंहजी थे व माता श्रीमति समुद्रीबाई थी। आप अग्रवाल जाति के भूषण व .मित्तल गोत्रज हैं । आपकी धार्मिक एवं लौकिक शिक्षा साधारण हुई । प्रापका विवाह भी हुआ। .. 30 ८. गणेशप्रसादजी वर्णी की सत्संगति के कारण . आपमें वैराग्य प्रवृत्ति जाग उठी व आपने शिखरजी में . सातवीं प्रतिमा धारण कर ली। इसके बाद में आपने प्राचार्य श्री १०८ शिवसागरजी से विक्रम संवत् २०२२ में शान्तिवीर नगर में क्षुल्लिका दीक्षा ले ली । कोटा में आचार्य श्री १०८ शिवसागरजी से आर्यिका दीक्षा ले ली। आपने श्री महावीरजी, उदयपुर, प्रतापगढ़ आदि स्थानों पर चातुर्मास कर धर्म वृद्धि की। आप चारित्रशुद्धि व्रत भी करती हैं । आपने तीनों रसों का त्याग कर दिया है।
SR No.010188
Book TitleDigambar Jain Sadhu Parichaya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDharmchand Jain
PublisherDharmshrut Granthmala
Publication Year1985
Total Pages661
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size31 MB
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