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________________ में न्याय सिद्धान्तों को भी वैशेषिक नाम से स्मरण किया गया है। सांख्य तथा वैशेषिक मतों को बुद्ध से पूर्वकालीन मानने में बौद्ध सम्प्रदाय की एकवाक्यता दीख पड़ती है। जैनों की तत्वसमीक्षा संभवतः वैशेषिक पदार्थों की कल्पना पर आश्रित है अतः वैशेषिक दर्शन जैन तथा बौद्ध दोनों से प्राचीनतर प्रतीत होता है।" वैशेषिक दर्शन में कणाद का सबसे महत्वपूर्ण योगदान परमाणुओं से संसार के विकास की अवधारणा है। के० दामोदरन ने अपने ग्रन्थ 'भारतीय चिन्तन परम्परा' में नन्दलाल सिन्हा के कथन को उधृत किया है- "कणाद ईसा पूर्व दसवीं और छठी शताब्दी के मध्य जीवित रहे होंगे। जैसा कि हम पहले देख चुके हैं प्रांचीन जैन धर्म की अवधारणा यह थी कि सभी भैतिक वस्तुएं अत्यन्त सूक्ष्म परमाणुओं से बनी है। इन परमाणुओं में अपने गुण होते हैं और वे एक-दूसरे से मिलकर स्कन्धों का निर्माण करते हैं। वैशेषिक प्रणाली अवश्य ही पदार्थों की इस प्राचीन अवधारणा से विकसित हुई होगी और बुद्धोत्तर काल में सूत्रों के रूप में उसे प्रतिपादित और क्रमबद्ध किया गया होगा। महर्षि कणाद ने यह मान है कि इस संसार का अस्तित्व वस्तुगत रूप से, मनुष्य की बुद्धि से बाहर और उससे स्वतंत्र है और इसको मनुष्य अपने प्रयत्न विश्लेषण से जान सकता है। वैध ज्ञान को प्राप्त करने की चार विधियां है- प्रत्यक्ष, लैंगिक, स्मृति तथा आर्ष । महर्षि कणाद ने वैशेषिक सूत्र को इस वक्तव्य से प्रारम्भ किया है- "अब हम धर्म की व्याख्या करेंगे- (अथातो धर्म व्याख्यास्यामः)" अब प्रश्न है कि धर्म क्या है? इसके उत्तर में कणाद ने कहा धर्म ईश्वर अथवा किसी दैवी और शाश्वत नियति पर विश्वास नहीं है वरन् धर्म वह है जिससे प्रगति और अन्तिम कल्याण संभव है। मुनि ने यतोऽभ्युदय निः श्रेयस सिद्धिः सधर्मः" इस दूसरे सूत्र से धर्म का यह लक्षण बताया है कि जिससे अभ्युदय और निःश्रेयस की सिद्धि हो वह धर्म है। ' आचार्य बल्देव उपा० भा० दर्शन- पृ० २१३ प्रकाशन-चौणम्भा सुरभारती वाराणसी। २ के. दोमोदरन- भा० चिन्न परम्परा- पृ० १६० (प्रकाशन पिपुल्स पब्लिशिंग हाउस (प्रा०) लि० रानी झांसी रोड नई दिल्ली। 87
SR No.010176
Book TitleBramhasutra me Uddhrut Acharya aur Unke Mantavyo ka Adhyayan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVandanadevi
PublisherIlahabad University
Publication Year2003
Total Pages388
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size33 MB
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