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________________ विज्ञान और वैज्ञानिक प्रणालियाँ मानवता द्वारा अहिंसा का मार्ग सरलता से अपनाने मे किस प्रकार सहायक हो सकती है, इस विषय मे श्री गणेश मुनिजी के जो विचार हैं, वे जनता के सही मार्गदर्शन मे उपयोगी सिद्ध होंगे । - डा दौलतसिंह कोठारी 1 अध्यक्ष : विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, दिल्ली आधुनिक विज्ञान और अहिंसा' के लेखक मुनिराज को न केवल विज्ञान मे ही रुचि है, अपितु धर्मशास्त्रो के साथ-साथ वैज्ञानिक साहित्य का भी सुन्दर अध्ययन है । प्रस्तुत कृति भावी अहिंसा विश्वविद्यालय के विद्यार्थियो के पाठ्यक्रम मे उपयोगी सिद्ध होगी । - डा डी बी परिहार गणेश मुनि शास्त्री की 'आधुनिक विज्ञान और अहिंसा' पुस्तक देखी, पढी- - आद्य से इति तक वस्तुत यह मुनिश्री की एक सुन्दर एव मौलिक कृति है । प्रसन्नता और वधाई | - सुरेश मुनि, शास्त्री गुपुस्तक की छपाई, गेटअप आदि काफी आकर्षक वन पडे हैं, पुस्तक का केवल जैन जगत मे ही नही, वरम् जैनेतर जगत् में भी स्वागत होगा । हमारे राजनीतिज्ञो के लिए यह पुस्तक पथ-प्रदर्शक का कार्य करेगी । लेखक और प्रकाशक दोनो ही वधाई के पात्र है । - 'ललकार' १६ अगस्त, १९६१ जोधपुर यदि प्रस्तुत पुस्तक को प्रयत्न करके किसी पाठ्यक्रम मे निश्चित करा दिया जाय, तो जनता का अधिक लाभ होगा, पुस्तक सर्वरूपेण पठनीय है । - जिनवाणी' जयपुर (राजस्थान) साथ पाठक 1 अहिंसा के अगर, हो पढना विज्ञान | प्यार से, पढिये यह पुस्तक गुण- खान । सरल सरस फिर सारयुत, कृति ऐसी नह अन्य मुनि 'गणेश' वास्त्री-गुणी, जी को शतश धन्य । -चन्दन मुनि [ पजाबी ] नोट प्रस्तुत पुस्तक की सुन्दर समीक्षा दैनिक समाचार पत्रो के अतिरिक्त 'रेडियो स्टेशन' दिल्ली से भी समीचीन समीक्षा हो चुकी है ।
SR No.010166
Book TitleBhagavana Mahavira ke Hajar Updesh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGaneshmuni
PublisherAmar Jain Sahitya Sansthan
Publication Year1973
Total Pages319
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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