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________________ अन्त में होता यह है कि उसका पद पाने के लिए अन्य कई स्नुक हो उठने ह और एक दूसरे को पहाडने की कोशिश करते हुए हिमक वृत्ति पर उतर जाते है। ___ शासक को, शामन करने के लिए साम, दाम, दण्ड, भेद अपनाने पडने हैं । अपने गुप्तत्ररो के द्वारा प्रत्येक शास्ति क्षेत्र की सूचना प्राप्त करते रहते हैं। सेना, आदि की गुन्दर व्यवस्था की जाती है। प्रत्येक नागरिक के हृदय में अपने क्षेत्र की रक्षा की भावना भरी जाती है ताकि विपम विपरीत समय आने पर बच्चाबच्चा अपने क्षेत्र की रक्षा के लिए न्योछावर होने के लिए तैयार रह सके। शासक अपनी प्रजा में पनपे अपराधो को रोकने के लिए अपराधियों को दण्ड भी देता है । पर दण्ड कोर और हिंसक नहीं होना चाहिए। उसे दण्ड उपदेश प्वक दिया जाना चाहिए अपराधी को नियमित निर्धारित समय के लिए अपने अधिकार में रखा जाय उसे उसका अपराव बताया जाय । अपराध के प्रति घृणा कराई जाय और मानवीय कत्र्तव्यो से अवगत कराया जाय। अपराध न पनपे इसके लिए शासित क्षेत्र से बेकारी, गरीबी, ना वाजी, वेश्या वृत्ति प्रादि मिटाई जाए । ऐमें कार्य कराए कि कोई भी व्यक्ति वेकार न बैठा रहे। क्योकि बेकार बैठे रहने वाला ही अपराध करता है। सामाजिक न्याय सबके लिए एक सा हो। किसी के साथ न पक्षपात किया जाय । दण्डनीति, न्यायनीति, , और प्रजा पालन नीति, के आधार पर शासन किया जाना चाहिए । एक शासक को उस वाले के समान होना चाहिए जो
SR No.010160
Book TitleBhagavana Adinath
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVasant Jain Shastri
PublisherAnil Pocket Books
Publication Year
Total Pages195
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size3 MB
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