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________________ तोमा भाग। ... गर्भावतार महंत महिमा, मुनत मर सुग पा भनि 'रूपचंद' मुदेव जिनवर, जगत मंगल गावहीं ॥४॥ त ... भावार्थ-माल्याण जिम समय श्रीतीर्थकर भगवान गभर्म आने हैं. उमसे छः महीने पहिले ही स्वर्गमे इन्द्र कुवरको भेजता । गुबर आकर बड़ी सुन्दर शोभायमान नगरीकी रचना करता है, जिममें बहुत ही सुन्दर और रत्नमय मंदिर, वन, उपचन होते हैं, जिनको देखकर लोगोको बढ़ा आनन्द होना है। उसी समयसे ग्लोकी वर्षा होने लगती है और देवियां माताकी सेवा करनी है । माताको गत्रिक पिछले भाग ५६ यम दिखाई देते है। वह सवेरे ही उठकर अपने स्वामीसे उनका फल पृलती है। स्वामी उनका फल कहते हैं कि तुम्हारे तीन लोकका स्वामी पुत्र होगा। माता पिता दोनों ही इस बातगे आनंदित होते हैं और भगवान्के जन्मपर्यन्त आनन्दसे समय व्यतीत करते है। प्रश्नावली। -भगवान्के कल्याणक कितने होते है, क्रमस नामसदिन बताओ। २-भगवान्की माताको कितने बन्न दिखाई देते है और किम समय? ३-भगवान्के गर्भमें आने समयसे लेकर जन्मममय तह जो जो होता है, उसको संक्षेपसे कहो।
SR No.010158
Book TitleBalbodh Jain Dharm Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDayachand Goyaliya
PublisherDaya Sudhakar Karyalaya
Publication Year
Total Pages145
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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