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________________ धर्म और इस्लाम धर्म, ये पाचो धर्म आज के विश्व के मुख्य धर्म है। इनमे से ससार ने जैन, बौद्ध और हिन्दू धर्म को तो भारत में विकसित होते देखा है जब कि इस्लाम और ईसाई धर्म भी पूर्व एशिया से ही अस्तित्व में आये है। इनमे से इस्लाम, ईसाई और बौद्ध धर्म तो पिछले दो-ढाई हजार वर्ष से ही अस्तित्व मे आये है। इन तीन धर्मों का ऐतिहासिक क्रम अाज जगत् के पास मौजूद है, इसलिये इसके उद्भवकाल के बारे मे न तो कोई सन्देह है और न कोई विवाद ही। हिन्दू तथा जैन धर्म, ये दोनो धर्म ही ऐसे हैं, जिनके अनुयायी अपने अपने धर्म अनादिकाल से चल रहे होने का दावा करते है। कोई धर्म, प्राचीन या अनादि होने के कारण ही श्रेष्ठ है ऐसा निर्णय नही किया जा सकता। लेकिन जाँच करने पर यह पता चलता है कि हिन्दु धर्मगास्त्रो मे जो अधिक से अधिक प्राचीन और प्रचलित माने गये है ऐसे उपनिपदो मे और भागवत आदि ग्रन्थो मे जैनो के वर्तमान तीर्थकर-चौवीसी के प्रथम तीर्थकर श्री ऋपभदेव विपयक उल्लेख मिलते है। अत. इन दो धर्मो मे भी जैन धर्म अधिक प्राचीन है इसमे कोई सन्देह नही । ममत्व के कारण यदि इस बात को गलत कहा जाय या जैन धर्म की निदा की जाय या फिर वेद धर्म के बाद ही उसका उद्गम हुया है ऐसा कहा जाय तो अलग बात है। लेकिन वस्तुत. इतिहास इस वात का प्रमाण देता है कि जैन धर्म इस विश्व का सबसे पुराना और प्राचीन धर्म है इसमें कोई सन्देह नही।
SR No.010147
Book TitleAnekant va Syadvada
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandulal C Shah
PublisherJain Marg Aradhak Samiti Belgaon
Publication Year1963
Total Pages437
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Religion, & Philosophy
File Size13 MB
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