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________________ १७० भूत भविष्य और वर्तमान-इन तीनो को वर्तमानवत् बताता है। यह किस प्रकार सो देखे । (अ) हमारे एक मित्र श्री परमानन्द अमेरिका जाने का निश्चय करने के बाद हमसे मिलते है और कहते है, "मैं अमेरिका जाता हूँ।" अब जिस वक्त परमानन्द भाई हमसे यह बात कहते हैं, उस समय तो वे सचमुच हमारे सामने भारत मे ही खडे है । फिर भी चू कि उन्होने जाना निश्चित कर लिया है, इसलिए व्यवहार दृष्टि से वे हमसे कहते है कि "मैं जाता हूँ।" हम इस बात का विरोध नहीं करते । जाने की क्रिया तो भविष्य काल मे होने वाली है, परन्तु उन्होने सकरप कर लिया है, इसलिये हम उनके प्रवास पर जाने की बात को वर्तमानवत् मान लेते हैं। मेडिकल कॉलेज में पढ़ने वाले विद्यार्थियो के लिये डाक्टर' शब्द का सम्बोधन सामान्यत प्रचलित है । अभी तो विद्यार्थी पढ रहे है, उत्तीर्ण होने के बाद डाक्टर का काम तो वे भविष्य मे करने वाले है। फिर भी उन्होने डाक्टर बनने का सकल्प करके उसके लिये अध्ययन शुरु कर दिया है, इसलिये उन्हे 'डाक्टर' कह कर पुकारने मे भी हम भविष्यकाल का उपयोग वर्तमानवत् कहते हैं । ___ व्यवहार मे किये जाने वाले शब्द प्रयोग 'नैगम' नय के अनुसार है । यहाँ सकल्प की बात आती है इसलिए इसे 'सकल्प नैगम' करते है। (ा) एक आदमी पेड पर से गिर जाता है,अथवा साइकिल का धक्का लगने से उसे तकलीफ होती है, तो वह चिल्लाता है, "मर गया, बाप रे, मर गया।" हम देख सकते है कि
SR No.010147
Book TitleAnekant va Syadvada
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandulal C Shah
PublisherJain Marg Aradhak Samiti Belgaon
Publication Year1963
Total Pages437
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Religion, & Philosophy
File Size13 MB
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