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________________ तस्वार्थसूस निक/XH सचिव की कलम से ..... मुनि श्री 108 प्रमाणसागर जी का चातुर्मास : सतना का सौभाग्य 2 जुलाई 2004 का वह पावन दिन जब परम पूज्य 108 प्रमाणसागर जी महाराज के चरण सतना की धरा पर पड़े । पूज्य मुनि श्री के चरण सतना में क्या पड़े, नगर के हर सम्प्रदाय के लोगों के आचरण बदल गये । 4 जुलाई को चातुर्मास की स्थापना हुई। चातुर्मास के 4 माह एवं सतना वालों की भक्ति भावना के फलस्वरूप बोनस के रूप में एक माह का सानिध्य और प्राप्त हुआ। परम पूज्य मुनि श्री के सान्निध्य में पूरे चातुर्मास में अनेक प्रभावक आयोजन सम्पन्न हुये। इनमें इतिहास के सुनहरे पृष्ठों पर अंकित होने वाले कुछ आयोजनों का विवरण प्रस्तुत करने का लोभ संवरण हम नहीं कर पा 2 जुलाई को मागमन - 2 जुलाई के दिन जब मैहर मार्ग से पूज्य मुनि श्री के चरण सतना की ओर बढ़ रहे थे तो उनकी अगवानी का उल्लास देखते ही बनता था। समाज के प्रत्येक नर-नारी केशरियाँ ध्वज लिये श्वेत/केशरियाँ वस्त्रों में 108 कलश लिये महिलाएँ, आकर्षक संगीत मण्डली एवं गाजे-बाजे के साथ भव्य अगवानी में शामिल थे। 2. चातुर्मास कलश स्थापना - पूज्य मुनि श्री से 4 जुलाई को नगर के सभी सम्प्रदायों के प्रमुख लोगों ने चरणों में श्रीफल अर्पित कर चातुर्मास का निवेदन किया। तदुपरान्त पूज्य मुनि श्री द्वारा धार्मिक क्रियाओं को सम्पन्न कर सभी नगरवासियों को चातुर्मास सतना में करने का वचन दिया। 3. मनूठी प्रवचनमालाएं - चातुर्मास के दौरान समय-समय पर विभिन्न सम-सामयिक विषयों पर आयोजित की गई प्रवचनमाला नगर के लोगों की स्मृतियों पर सदैव अंकित रहेगी। जैन सम्प्रदाय से ज्यादा जैनेतर बन्धु नियमित श्रवणपान करने आते थे। पूज्य मुनि श्री की अद्भुत वक्तृत्व कला स्वत: ही श्रोताओं को बाध लेती है । अनेक लोगों के आचरण में बदलाव प्रवचनमाला की बहुत बड़ी उपलब्धि है। नेमिनाथ महोत्सव - यह एक सुखद संयोग रहा कि सतना जिनालय ने इस वर्ष अपने 124 वर्ष पूर्ण कर 125 वाँ वर्ष समारोह पूर्वक मनाया। 1008 भगवान नेमिनाथ महोत्सव के सभी कार्यक्रम पूज्य मुनि श्री के सान्निध्य में अत्यन्त भव्य रूप से सम्पन्न हुये । महोत्सव संयोजक श्री सिं. जयकुमार जी के समर्पण के लिये मैं आभार व्यक्त करता हूँ। 5. अखिल भारतीय विद्वत् संगोष्ठी - पूज्य मुनि श्री के सान्निध्य मे सतना नगर के लोगों को देश के अग्रणी पंक्ति के विद्वानों के शोध, पूज्य उमास्वामी द्वारा रचित तत्त्वार्थसूत्र पर सुनने को मिले। इस संगोष्ठी में प्राचार्य नरेन्द्रप्रकाश जैन फिरोजाबाद, श्री मूलचन्द लुहाड़िया किशनगढ़, श्री रतनलाल बैनाड़ा आगरा, श्री शिवचरणलाल जी मैनपुरी, प्रो0 लक्ष्मीचन्द जैन जबलपुर, श्री श्रेयान्सकुमार जैन बड़ौत आदि अनेक विद्वत् वर्ग का सान्निध्य प्राप्त हुआ। सिं. जयकुमार जी एवं श्री सिद्धार्थ जी ने संगोष्ठी को सफलता की ऊँचाई प्रदान की। आपकी मेहनत को हम नमन करते हैं। जनप्रतिनिधि सम्मान समारोह- चातुर्मास के दौरान श्री राघव जी (वित्तमंत्री. म. प्र. शासन), नरेश दिवाकर (विधायक, सिक्नी), ओमप्रकाश सकलेचा (विधायक), अलका जैन (पूर्वमंत्री, विधायक), सुधा जैन (विधायक), आदि जनप्रतिनिधियों के सम्मान का अवसर प्राप्त हुआ। 1.भावकसंस्कार शिविर - पूज्य मुनि श्री के सान्निध्य में पर्दूषण पर्व के दौरान श्रावक संस्कार शिविर का
SR No.010142
Book TitleTattvartha Sutra Nikash
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRakesh Jain, Nihalchand Jain
PublisherSakal Digambar Jain Sangh Satna
Publication Year5005
Total Pages332
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Tattvartha Sutra, Tattvartha Sutra, & Tattvarth
File Size20 MB
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