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________________ 'IE - निकष आयोजन किया गया। इस शिविर के संयोजन का भार श्री प्रमोद जैन पर था, जिसे उन्होंने बखूबी संभाला 1 3. प्रथम जैन युवा सम्मेलन तरुणाई की ऊर्जा का सृजनात्मक प्रयोग करने के उद्देश्य से पूरे देश में प्रथम बार सतना नगर में जैन युवाओं को संगठित कर उन्हें एक सूत्र में पिरोने का कार्य पूज्य मुनि श्री की प्रेरणा से ही हुआ। जैन नवयुवक मंडल सतना के तत्त्वावधान में सम्पन्न इस युवा सम्मेलन में पूरे देश से 1200 युवाओं ने सहभागिता निभाई एवं निर्धारित किये गये उद्देश्यों की प्राप्ति हेतु संकलित हुये। सम्मेलन की सफलता में युवा सम्मेलन के संयोजक दीपक जैन, अविनाश जैन एवं जैन नवयुवक मंडल के सभी सदस्यों का प्रयास उल्लेखनीय है । 9. रामायण - गीता ज्ञानवर्षा - नगर में यह प्रथम अवसर था जब दिगम्बर जैन मुनि का कोई कार्यक्रम जैन समाज के अलावा किसी अन्य सस्था द्वारा आयोजित किया गया हो। पाँच दिवसीय यह भव्य कार्यक्रम नगर की सक्रिय संस्था भारत विकास परिषद द्वारा आयोजित किया गया। देश में प्रथम बार रामायण और गीता पर सार्वजनिक रूप से किसी जैन सन्त ने प्रवचन देकर जैन शास्त्रो को साक्ष्य रूप में प्रस्तुत किया। इस आयोजन में अपार जैनेतर जनसमूह मुनि श्री की वाणी को सुनकर मुनि श्री का भक्त बन गया। सम्पूर्ण देश में इस आयोजन की सराहना हुई। इस परिकल्पना के सयोजक श्री इंजी0 उत्तम बनर्जी, श्री उमेश ताम्रकार एव श्री जितेन्द्र जैन (झासी) के श्रम की मैं सराहना करता हूँ। 10. कल्पद्रुम महामण्डल विधान - 17 नवम्बर से 27 नवम्बर तक आयोजित कल्पद्रुम महामण्डल विधान कई विशेषताओं के साथ सम्पन्न हुआ । मन्दिर प्रागण से लेकर समारोह स्थल तक पूरा शहर रोशनी से जगमग होता रहा । सुधीर जैन एण्ड पार्टी सागर के संगीत ने भक्ति की ऊर्जा को बढ़ाया, रात्रि मे राजेन्द्र जैन उमरगा की आकर्षक प्रस्तुति भी मनमोहक रही । पाँच-पाँच हाथियों पर सवार होकर निकलने वाली 'महाआरती' अपने आपमें मनमोहक थी 1 27 नवम्बर को नगर मे प्रथम नगर गजरथ यात्रा की स्मृति नगरवासियो को ताउम्र रहेगी। जिनेन्द्रप्रभु के 22 फिट ऊँचे रथ को खीचते गज और रथ के आगे चलते पूज्य मुनि श्री जी, अनेक कलाकृति, उद्घोषो का घोष, मानो ऐसा लग रहा था कि नगरी साक्षात् समवसरण में परिवर्तित हो गयी है। जो भाग्यशाली लोग इस रथयात्रा के साक्षी रहे उन्हे यह रथयात्रा किसी चमत्कार से कम नहीं लगी। इस कार्यक्रम के सयोजक संदीप जैन ने जिस कुशलता से सम्पूर्ण कार्यक्रम का सयोजन किया वह सफलता का पर्याय बन गया। भाई सदीप को बहुत-बहुत साधुवाद। 11. पिच्छिका परिवर्तन समारोह - चातुर्मास के अन्तिम चरण में 28 नवम्बर को सयम की प्रतीक पिच्छिका परिवर्तन का कार्यक्रम हुआ। पूरे देश से पधारे श्रेष्ठीजनों के बीच पूज्य मुनि श्री ने मार्मिक उद्बोधन में सभी को संयम ग्रहण करने की प्रेरणा दी। 12. अहिंसा सद्भाव पदयात्रा और देखते ही देखते पूज्य मुनि श्री के मंगल विहार की तिथि 2 दिसम्बर नकट आ गई। पूज्य मुनि श्री जी ने अपने चरण बढ़ाये तो सभी की आँखें नम थीं, बोझिल मन से मुनि श्री के साथ अनेक लोग इस पदयात्रा में शामिल हुये। सतना नगर के दो प्रतिष्ठित परिवार अभय जैन, अवंती परिवार एवं राजकुमार जैन गुल्ली ने मिलकर अहिंसा सद्भाव पदयात्रा के दायित्व निर्वहन की जिम्मेदारी ली। हम उनके भाग्य की सराहना करते हैं 1 मुनि श्री के साथ सम्मेद शिखर जी की पद यात्रा करते हुये पूरे समय वैयावृत्ति करने का सौभाग्य प्रदीप जैन को मिला, हम उनके साहस एवं संकल्प की सराहना करते हैं। पदयात्रा संघ के संघपति समाज अध्यक्ष श्री कैलाशचन्द जी एव अन्य पदयात्री बन्धुओं को भी हम धन्यवाद देते हैं।
SR No.010142
Book TitleTattvartha Sutra Nikash
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRakesh Jain, Nihalchand Jain
PublisherSakal Digambar Jain Sangh Satna
Publication Year5005
Total Pages332
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Tattvartha Sutra, Tattvartha Sutra, & Tattvarth
File Size20 MB
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