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________________ से लेकर 42 तक के प्रत्येक आन्दोलन में खेलपानी कार्यकर्ताओं के परिवारों की सहायता करना और कार्यकर्ताओं को निकालना आपका महत्वपूर्ण कार्य रहा। फिरोजाबाद नगर की कई शिक्षा संस्थाओं की स्थापना और विकास में पूर्ण सहयोग दिया। श्री चन्द्रप्रभु दि. जैन कन्या इण्टर कालिज, श्री पी.डी. जैन इण्टर कालिज, श्री कमला नेहरू इण्टर कालिज आपके सहयोग से विकसित हुए। नगर कांग्रेस कमेटी के विभिन्न पदों पर रहते हुए संगठन को मजबूत किया। नगर के भारती-भवन पुस्तकालय के मंत्री पद पर रहकर उसके द्वारा राष्ट्रीय विचारों का प्रचार-प्रसार किया। 27 अक्टूबर 1979 को उनका देहावसान जयपुर में ज्येष्ठ पुत्र श्री अशोक कुमार जैन के घर हुआ। श्री धनवन्तसिंह जैन, फिरोजाबाद फिरोजाबाद नगर के राष्ट्रीय कार्यकर्ताओं में आपका नाम सम्मान के साथ लिया जाता है। पहले आप 12 मार्च 1941 को व्यक्तिगत सत्याग्रह में गिरफ्तार किये गये और एक वर्ष दो माह कारागार में रहे। सन् 1942 के 'करो या मरो' आन्दोलन में आप प्रथम डिक्टेटर थे। 9 अगस्त के जुलूस का नेतृत्व करते समय ऐंग्लो इण्डियन मजिस्ट्रेट ने इन पर पिस्तौल तान दी। इस पर कालिज के छात्रों ने सामने आकर सीना खोल दिया कि पहले हम पर गोली चलाओ, बाद में हमारे डिक्टेटर को मारना। अंत में पुलिस अधिकारियों के पैर उखड़ गये। 23 अगस्त 1942 को भाषण देते हुए गिरफ्तार किये गये और 4 माह की सजा हुई। सन 43 में डाक बंगला फूंकने के अपराध में पुनः गिरफ्तार हुए और ढाई वर्ष नजर बन्द रहे। देश के स्वतंत्र होने के पश्चात् आपने आचार्य विनोबा भावे के भू-दान आन्दोलन में भाग लिया। 151 पद्यावतीपुस्खाल दिगम्बर जैन जाति का उद्भव और विकास
SR No.010135
Book TitlePadmavati Purval Digambar Jain Jati ka Udbhav aur Vikas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamjit Jain
PublisherPragatishil Padmavati Purval Digambar Jain Sangathan Panjikrut
Publication Year2005
Total Pages449
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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