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________________ । बाबू धन्यकुमार जैन पूर्व चेयरमैन, अवागढ़ आपके राजनैतिक जीवन का प्रारम्भ सन् 1942 से हुआ। आन्दोलन काल में सहयोग प्रदान करते हुए 1947 में जिला कांग्रेस कमेटी के सदस्य चुने गये। सन् 1960 से लगातार ब्लाक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद पर रहे। इस समय जनता इन्टर कालिज अवागढ़ के प्रबन्धक और सन् 64 से अवागढ़ टाउन एरिया के चेयरमैन रहे। आपके राष्ट्र प्रेम के कारण जनता और शासन दोनों ने आपको अनेक पदों पर मनोनीत किया। भूमि प्रबन्धक समिति के चेयरमैन, रीजनल कमेटी उद्योग मण्डल, आगरा के मनोनीत सदस्य, जिला फूड एडवाइजरी कमेटी के चेयरमैन, 20 सूत्रीय कार्यक्रम के ब्लाक अध्यक्ष, जिला हरिजन कल्याण समिति के सदस्य, भारत सेवक समाज के ब्लाक अध्यक्ष, जिला नागरिक समिति के सदस्य, जिला कृषि उद्योग प्रदर्शनी के सदस्य, भारतीय सांस्कृतिक मिलन कला केन्द्र, अवागढ़ के अध्यक्ष पदों पर रहते हुए अधिकांश समय जन-सेवा में ही व्यतीत होता है। आपकी लगन और सूझ-बूझ के फलस्वरूप अवागढ़ नगर क्षेत्र समिति को प्रदेश की सर्वश्रेष्ठ समिति घोषित करके पुरस्कृत किया गया। जनता इण्टर कालिज, अयागढ़ आपकी राष्ट्रीय सेवाओं का उदाहरण है। अवागढ़ में आपने एक विशाल और भव्य मन्दिर भी बनवाया है। ___ स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वैद्य श्री पन्नालाल जैन 'सरल' अपने विद्यार्थी जीवन से ही देश सेवा की ओर आकर्षित होकर 'ग्राम सुधार' नामक मासिक पत्रिका का संचालन किया। सन् 1939 में भारतीय पुस्तकालय, नारखी के मंत्री बनकर पूरे ब्लाक में राष्ट्रीयता का प्रचार किया। ग्राम्य-गीतों का संकलन किया। सन् 1942 में मंडल कांग्रेस कमेटी के मंत्री बने। अगस्त आन्दोलन में जेल-यात्रा की। तब से आज पद्मावतीपुरवाल दिगम्बर जैन जाति का उद्भव और विकास 152
SR No.010135
Book TitlePadmavati Purval Digambar Jain Jati ka Udbhav aur Vikas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamjit Jain
PublisherPragatishil Padmavati Purval Digambar Jain Sangathan Panjikrut
Publication Year2005
Total Pages449
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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