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________________ अण्डों व मछलियो का उत्पादन बढ़ाते हैं। शराब की बिक्री के द्वारा अपनी आय बढाते हैं। क्या वे वास्तव में अहिंसक है ? सच्चा अहिसक तो जान-बूझकर एक सूक्ष्म जीव को भी कष्ट नहीं देता। यदि देश मे अन्न की कमी है तो और अधिक भूमि में खेती का प्रबन्ध करना चाहिए। सिंचाई की सुविधाएं बढाई जानी चाहिए । बाढ़ो से करोड़ो रुपये की फसल नष्ट हो जाती है, इसलिए बाड़ों की रोकथाम का और उस पानी के उपयोग का प्रबन्ध करना चाहिए। केवल मासाहार को बढ़ावा देना ही अन्न की कमी का विकल्प नहीं है। ___ यदि हम ध्यान पूर्वक पशु-पक्षियो व छोटे से छोटे कीट पतगो का अध्ययन करे तो हम पायेंगे कि उनमें भी मनुष्य के समान ही जीवन है, शक्ति है और चेतना है। उनमे भी जानने की शक्ति है और वे भी हमारे ही समान सुख व दु.ख का अनुभव करते हैं । वे भी सुखपूर्वक जीना चाहते है और दुख के कारणो से यथाशक्ति बचते हैं। यह अवश्य है कि उनमे मनुष्यो के बराबर ज्ञान व विवेक नही है और वे मनुष्य की तरह अपने सुख-दुःख को व्यक्त नहीं कर सकते। मनुष्यो व पशुओ की शारीरिक बनावट में विशेष अन्तर न होने के कारण, वैज्ञानिक जितने परीक्षण करते हैं वे पहले पशुओ, यथा-चूहो, खरगोशो, कुत्तो, बन्दरो मादि पर ही करते हैं। जब इन पर परीक्षण सफल हो जाते हैं तब वे मनुष्यो पर उनका प्रयोग करते हैं। प्रसिद्ध वैज्ञानिक श्री जगदीशचन्द्र बसु ने वनस्पति-जगत पर अपने परीक्षण किये थे और यह सिद्ध किया था कि वनस्पतियो में भी चेतना होती है, जैसे कि किसी विशेष प्रकार की ध्वनि करने से पेड़-पौधे जल्दी बढ़ते हैं। इसके विपरीत
SR No.010132
Book TitleMahavir aur Unki Ahimsa
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPrem Radio and Electric Mart
PublisherPrem Radio and Electric Mart
Publication Year1974
Total Pages179
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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