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________________ ASON मदरास व मैसूर प्रान्तकेप्राचीन जैन स्मारक। इस प्रांतका वर्णन मुख्यतासे मदरास प्रांतके गनटियरोंसे लिया गया है जिसमें प्रधान Imperial Gaz tteer of - India Madras (1908) है ( इम्पीरियल गजटियर मदरास )। मदरास प्रांतकी चौहद्दी-भारतका दक्षिण भाग सब इस मदरास प्रान्तमें शामिल है । इसीमें ६ देशीराज्य जैसे ट्रावनकोर, कोचीन, पुदुक्कोहह, बंगनपल्ली, सन्दूर तथा मैतूर, ट्रिचनापली व कुर्गका इंग्रेजी भाग भी गर्भित है ! पश्चिमकी तरफ भारतीय समुद्र है, पूर्व बंगालकी खाड़ी है, उत्तरमें उड़ीसा, मध्यप्रांत, हैदराबाद और वम्बई है। क्षेत्रफल-ऊपर लिखित पांच देशी राज्यों को छोड़कर इस प्रांतका क्षेत्रफल १४ १७०५ वर्गमील या बृटिश संमिलित राज्यसे २०००० वर्गमील अधिक है । पांच देशी राज्यों में १०००० वर्गमील है। इतिहास-इस दक्षिण भारतके सबसे प्राचीननिवासी वे इतिहासके समयके पूर्वजन हैं जिन्होंने स्मारक पापाण ( evirus ), हाथगाड़ी (varrows), करें (Kistv.ens) व गुफाएं (dolmens) बनाई थीं जो बहुतसे जिलों में पाई जाती हैं और वे वेलोग हैं जिन्होंने
SR No.010131
Book TitleMadras aur Maisur Prant ke Prachin Jain Smarak
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMulchand Kishandas Kapadia
PublisherMulchand Kisandas Kapadia
Publication Year
Total Pages373
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size25 MB
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