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________________ उसका सुन्दर वर्णन किया है। माशाप नही मोह रूपी ऊचे पर्वत से निकलकर सारे भूतल पर फैल जाती है। उसमें विविष ,मनोरथ का जन, वृष्णा को तरंगे, अम का भंवर, यप का ममर, चिन्ता का तट है जो धर्म-पक्ष को बहाते चले जाते हैंमोह से महान ऊँचे पर्वत सौ ढर आई, तिहजग भूतल में या ही विसतरी है। विविध मनोरथ में भूरि जलमरी बहै, मिसना तरंगनि सो माकुलता परी है। परं भ्रम भोर जहाँ रागसो मगर तहाँ, चिन्ता तटतुंग धर्मवृच्छढाय ढरी है। ऐसी यह पाशा नाम नदी है अगाध ताकों, धन्य साधु धीरज जहाज चढि तरी है। लोम से मुनिगण भी प्रभावित हुए बिना नहीं रहते, उसका लोम शिव-रमणी से रमण करने का बना रहता है। ऐसा लोभी व्यक्ति नग चिन्तामणी को छोड़कर पत्थर को बटोरता, सुन्दर वस्त्र छोड़कर चिथड़े इकट्ठे करता तथा कामधेनु को छोड़कर बकरी ग्रहण करता है । नम चिन्तामणि डारिके पत्थर जोउ, ग्रह नर मूरख सोई। सुन्दर पाट पटम्बर अम्बर छोरिक मोंढरण लेत है लोई ॥ कामदूधा परतें जू विडार के खेरि गहें मतिमंद जि कोई। धर्म को छोर अधर्म कौं जसराज उणें निज बुद्धि विगोई 112113 संसारी जीव इन क्रोधादि कपायों के वशीभूत होकर साधना के विमल पथ पर लीन नहीं हो पाता । कोषं, मान, मावा, लोभादि विकारों से ग्रस्त होकर बह मसरण को और भी आगे बढ़ा लेता है। उसे शाश्वत सुख की प्राप्ति में सर्वाधिक बाधक तत्त्व ये कषाय हैं जो पात्मा को संसार-सागर में भटकाते रहते हैं। मोह मष्ट कर्मों में प्रबलतम कर्म है मोहनीय, उसी के कारण जीव संसार में भटकता रहता है। धन की तृषा-तृप्ति और वनिता की प्रीति में वह धर्म से विमुख हो जाता है । अपने इन्द्रिय सुख के लिए सभी तरह के अच्छे-बुरे साधन अपनाता है । ऐसे व्यक्ति की मोह-निद्रा इतनी तीव्र होती है कि जगाने पर भी वह जागता नहीं । वह तो पर पदाथों में पासक्त रहता है। उसे स्व-पर विवेक नहीं रहता । मिष्पास्ववश मेरा-मेरा की रट लगाता रहता है। यह मोह चतुर्गति के दुःखों का कारण 1 जैनबतक, 761 2. हिन्दी जैन भक्ति काव्य और कवि, पृ. 2351 3. हिन्दी पद संग्रह, पं. रूपचन्द्र, पृ. 31 । 4. वही, पृ. 33 1 स्व पर विवेक विना भ्रम भूल्यो, मै में करत रह्यो, पद 411
SR No.010130
Book TitleMadhyakalin Hindi Jain Sahitya me Rahasya Bhavna
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPushpalata Jain
PublisherSanmati Vidyapith Nagpur
Publication Year1984
Total Pages346
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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