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________________ (२१) शम्पेव चञ्चला का ___ सम्पत्मत्काव्यमिव किमनवद्यम | जर्जावितमधर्मरहितं कलङ्कमुक्तं यशोयुक्तम् ॥ ९॥ : प्रश्न । शम्पंव चञ्चला का ) विजलीक ममानचंचल म्य । । उत्तर । सम्पम् . लक्ष्मी-धन । २२ प्रश्न (सकाव्यमिव किमनवद्या उत्तम काव्यके समान प्रशंमिन क्या है। उत्तर नोचितमधर्मगहतं कलङमुक्तं यशोयुक्तम् ) ऐमा जीवन कि मी पापहन निकलक और यशयुक्त हो । ० ॥ कि दिनकृत्यं जिनपति__ पूजामामयिकगुरूपास्तिः । त्रिविधशुचिपात्रदानं शाम्राध्ययनं च मानन्दम ॥ १० ॥ अपन कि दिनकृत्यम , प्रतिदिन करने योग्य कृत्य क्या है. र । जिनपनिपूजामायिक गुरूपास्तिः त्रिविधचिपात्रदानं शाखाध्ययन च सानन्दम । जिनेन्द्रदेवकी पृजा. सामायिक, गुन्की उपनना नानप्रकारक पवित्र पात्रांको दान देना और प्रमन्नताक माध शामन्यायाय करना ॥ १० ॥ इत्यपरा प्रश्नोत्तरमालिका समाप्ता । -
SR No.010129
Book TitleJina pujadhikar Mimansa
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJugalkishor Mukhtar
PublisherNatharang Gandhi Mumbai
Publication Year1913
Total Pages403
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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