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________________ ( ११ ) ५१ प्रश्न - ( कण्ठगतैरप्यसुभिः कस्यात्मानो समर्प्यते जातु ) कंगठतप्राण होनेपर भी किसके अधीन अपनेको नहीं करना चाहिये । उत्तर- ( मूर्खस्य विषादस्य च गर्वस्य तथा कृतघ्नस्य ) मूर्ख पुरुष. विषादयुक्त, अभिमानी और कृतघ्नी पुरुषके ॥ २० ॥ कः पूज्यः सद्वृत्तः कमधनमाचक्षते चलितवृत्तम् । केन जितं जगदेतत् सत्यतितिक्षावता पुंमा || २१ || ५२ प्रश्न- ( कः पूज्यः, पूज्य कौन है। उत्तर - ( सदवृत्तः ) श्रेष्ठचारित्र : सम्यक्चरित्र) वान् पुरुष । ५३ प्रश्न- (कमधनमाचक्षते ) धनरहित किसे कहते है । उत्तर चलित वृत्तम् । जो चारित्र ( प्रतिज्ञा ) ने चलायमान है वही निर्धन है । ५४ प्रश्न - (केन जितं जगदेतत् ) जगतको किसने जीता है। उत्तर- ( सत्यतितिक्षावता पुंमा सत्य और शान्तपरिणामवाले पुरुषोंने || २१ || } कस्मै नमः सुरैरपि सुतरां क्रियते दयाप्रधानाय । कस्मादुद्विजितव्यं संसाररण्यतः सुधिया ॥ २२ ॥ } ५५ प्रश्न ( कस्मै नमः सुरैरपि सुतरां क्रियते वेदना नमस्कार किसको करते हैं। उत्तर- ( दयाप्रधानाय ) जो दयाधर्मके पालन करनेमें श्रेष्ठ है। ५६ प्रश्न- (कस्मादुद्विजितव्यं भय
SR No.010129
Book TitleJina pujadhikar Mimansa
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJugalkishor Mukhtar
PublisherNatharang Gandhi Mumbai
Publication Year1913
Total Pages403
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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