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________________ बनारसीविलासः २५ Loto detect toto tetor, to i Los tortor, inta, Kore Kreteetako in kako to industan tretma korteret kenteetsetesteteetaten teeteekeetestet ॐ यश्च व्याप्तं वहति वधधीधूम्यया क्रोधदावं तं मानादि परिहर दुरारोहमौचित्यवृत्तेः ॥ ४९ ॥ ___ (मात्रा ३१) सवैया। जातै निकस विपति सरिता सब; जगमें फैल रही चहुँ ओर । जाके ढिग गुणग्राम नाम नहिं, माया कुमतिगुफा अति घोर ॥ * जहँवधबुद्धि धूम रेखा सम; उदित कोप दावानल जोर । से मो अभिमान पहार पटंतर; तजत ताहि सर्वज्ञकिशोर ॥ ४९ ॥ शिखरिणी। शमालानं भञ्जन्विमलमतिनाडी विघटय. ___किरन्दुर्वाक्पांशून्करमगणयन्नागमसृणिम् । भ्रमन्नुन्या स्वैरं विनयवनवीथीं विदलयन् ___ जनः कं नानर्थ जनयति मदान्धो द्विप इव ॥५०॥ रोडक छन्द । भंजहिं उपशम थंभ; मुमति जंजीर विहंडहिं ।। कुवचन रज संग्रहहिं; विनयबनपंकति खंडहिं ।। जगमें फिरहिं म्वछन्द; वेद अंकुश नहिं मानहिं । गज ज्यों नर मदअन्ध; सहज सब अनरथ ठानहिं ॥५०॥ शार्दूलविक्रीडित । ॐ औचित्याचरणं विलुम्पति पयोवाहं नभस्वानिव प्रध्वंसं विनयं नयत्यहिरिव प्राणस्पृशां जीवितम् । कीति कैरविणीं मतङ्गज इव प्रोन्मूलयत्यञ्जसा मानो नीच इवोपकारनिकरं हन्ति त्रिवर्ग नृणाम् ५१ , ཀོ***********, *, *,ོ* པོ ས ས ས ས ས སོ་༼ས Potatutetuntstatutatutatutek.tutetatut.tutatitutu.tuotutnt.titutetstatutukatatuteketakat krtekutatist
SR No.010129
Book TitleJina pujadhikar Mimansa
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJugalkishor Mukhtar
PublisherNatharang Gandhi Mumbai
Publication Year1913
Total Pages403
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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