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________________ 18. ज्येष्ठा पाठा 22. श्रवण नु ने नो या वृश्चिक ब्राह्मण कीट क्षत्रिय मनुष्य क्षत्रिय मनुष्य 19. मूल 20. पूर्वाषाढ़ा भु धा फ ढा 21. उत्तरा- भे भो जा जी खी खू खे खो 23. धनिष्ठा गा गी गु गे 24. शतभिषा गो सा 25. पूर्वा यी यु ये यो भा भी सी सु से सो भाद्रपदा दादी 26. उत्तरा दु थ भाद्रपदा झ ञ 27. रेवती दे दो चा ची जैन वास्तु-विद्या धन धन चतुष्पद 1 धन 1 क्षत्रिय चतुष्पद 3 मकर 3 वैश्य मकर वैश्य 2 मकर 2 कुंभ कुंभ 3 कुंभ 1 मीन मीन मीन 2 वैश्य 2 शूद्र शूद्र हरिण मंगळ श्वान गुरु वानर गुरु ब्राह्मण जलचर अभ्य 3 शूद्र 3 मनुष्य सिंह 1 ब्राह्मण 1 जलचर ब्राह्मण जलचर नेवला 1 गुरु मनुष्य अन्त्य 1 शनि वानर शनि राक्षस आय गाय राक्षस आद्य चतुष्पद जलचर 2 जलचर सिंह शनि 2 मनुष्य मनुष्य शनि 3 शनि मनुष्य आद्य 1 गुरु गुरु गज मनुष्य मध्य ཡཱཾ देव अन्त्य राक्षस मध्य राक्षस आय लै लै मनुष्य मध्य गुरु देव अन्त्य 8 2
SR No.010125
Book TitleJain Vastu Vidya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGopilal Amar
PublisherKundkund Bharti Trust
Publication Year1996
Total Pages131
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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