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________________ 216 ( १२४ } प्रश्न ६६-- श्रद्धा का क्षायिक भाव कौन से गुणस्थान मे और कहाँ तक हो सकता है ? उत्तर - चौथे से १४वे गुणस्थान तक तथा सिद्ध मे होता है । प्रश्न १०० - ज्ञानगुण का क्षायिकभाव कौन से गुणस्थान मे होता है? उत्तर - १३वे गुणस्थान से लेकर सिद्ध तक ज्ञान का क्षायिक भाव होता है । प्रश्न १०१ - चारित्र का क्षाधिकभाव कौन से गुणस्थान में होता है ? उत्तर--१२वे गुणस्थान से लेकर सिद्ध दशा तक होता है । प्रश्न १०२ - पांच भावो मे से सबसे कम भाव किस जीव मे होते हैं ? उत्तर - सिद्ध जीयो मे पारिणामिक और क्षायिक भाव ही होते है | प्रश्न १०३ - एक साथ पाँच भाव किस जीव को किस गुणस्थान मे हो सकते हैं ? उत्तर - यदि क्षायिक सम्यग्दृष्टि जीव उपशम श्रेणी मांडे तो ११ वे गुणस्थान मे पाँचो भाव हो सकते है । ११वे प्रश्न १०४ - १५वां गुणस्थान कौन सा है ? उत्तर - १५वाँ गुणस्थान नही होता है परन्तु १४वे गुणस्थान से पार सिद्धदशा है उसे किसी अपेक्षा १५वाँ गुणस्थान कह देते हैं, है नही । प्रश्न १०५ - औपशमिक सम्यक्त्वी जीव क्षपकश्रेणी मांड सकता है ? उत्तर - बिल्कुल नही मोड सकता है । प्रश्न १०६ - क्या क्षायिक सम्यक्त्वी को उपशमश्रेणी हो सकती है ?
SR No.010119
Book TitleJain Siddhant Pravesh Ratnamala 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDigambar Jain Mumukshu Mandal Dehradun
PublisherDigambar Jain Mumukshu Mandal
Publication Year
Total Pages289
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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