SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 169
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ( १६३ ) प्रश्न (२३८)-रोटी खाई का कर्ता कौन है, और कौन नहीं है? उत्तर- प्राहारवर्गणा है, जीव तथा दूसरी वर्गणा नहीं है। प्रश्न (२३९ -दर्शन मोहनीय का क्षय हुआ इसका कर्ता कौन कौन है और कौन नहीं है ? उत्तर कार्माणवर्गणा है. जीव तथा दूसरी वर्गणा नहीं है । प्रश्न (२४०)-अन्तराय कर्म के क्षयोपशम का कर्ता कौन है और कौन नहीं है ? उत्तर-काणिवर्गणा है जीव तथा दूसरी वर्गणा नहीं है। प्रश्न (२४१)-वेदनीय के उदय का कर्ता कौन है, और कौन नहीं हैं ? । खत्तर कार्माणवर्गणा हैं जीव तथा दूसरी वर्गणा नहीं है। प्रश्न (२४२) अधाति कर्म का कर्ता कौन है और कौन नहीं है? उत्तर-कार्माण वर्गणा है, अरहंत भगवान या दूसरी वर्गणा नहीं है। प्रश्न (२४३) नामकर्म प्रकृति का कर्ता कौन है और कौन नहीं है ? उत्तर-कार्माणवर्गणा है, दूसरी वर्गणा और जीव नहीं है। प्रश्न (२४४)--उपदेश का कर्ता कौन है, और कौन नहीं है ? उत्तर-भाषा वर्गणा है कोई जीव तथा दूसरी वर्गणा नहीं है। प्रश्न (२४५)-सोने का हार का कर्ता कौन है कौन नहीं है ? उत्तर-आहारवर्गणा है, सुनार तथा पहनने वाली तथा दूसरी वर्गणा नहीं है। प्रश्न (२४६'-धड़ी का कर्ता कौन है, और कौन नहीं है ?
SR No.010118
Book TitleJain Siddhant Pravesh Ratnamala 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDigambar Jain Mumukshu Mandal Dehradun
PublisherDigambar Jain Mumukshu Mandal
Publication Year
Total Pages211
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size5 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy