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________________ ( १०६ ) और सम्पूर्ण अवस्थानो मे त्रिकाल रहता है ? उत्तर-हाँ, बिल्कुल ठीक है। प्रश्न (३६)-आनंद गुण को गुण की परिभाषा मे लगायो ? उत्तर- पानंद गुण जीव द्रव्य के सम्पूर्ण भागों तथा उसकी सम्पूर्ण अवस्थामो मे रहता है। प्रश्न (४०)- वर्ण गण को ग ण की परिभाषा में लगाओ ? उत्तर - वर्ण गुण पुद्गल द्रव्य के सम्पूर्ण भाग तथा उसकी सम्पूर्ण अवस्थानों मे रहता है। प्रश्न (४१)--अवगाहन हेतुत्व गुण को गण की परिभाषा मे लगायो ? उत्तर-अवगाहन हेतुत्व गुण अाकाश द्रव्य के सम्पूर्ण भागो तथा सम्पूर्ण अवस्थाप्रो मे रहता है । प्रश्न (४२)--अगध गुण को गुण की परिभाषा में लगायो ? उत्तर- अगंध गुण जीव द्रव्य के सम्पूर्ण भागों तथा उसकी सम्पूर्ण अवस्थामो मो रहता है। प्रश्न (४३)-दर्शन गुण को गुण की परिभाषा मे लगायो ? उत्तर- दर्शन गुण जीव द्रव्य के सम्पूर्ण भागों तथा उसकी सम्पूर्ण अवस्थानों में रहता है। प्रश्न (४४)--वस्तुत्व गुण को गुण की परिभाषा में लगायो ? उत्तर-वस्तुत्वगुण द्रव्य के सम्पूर्ण भागों तथा उसकी सम्पूर्ण अवस्थानो में रहता है। प्रश्न (४५)-प्रदेशत्व गुण को गुण की परिभाषा में लगानो ?
SR No.010118
Book TitleJain Siddhant Pravesh Ratnamala 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDigambar Jain Mumukshu Mandal Dehradun
PublisherDigambar Jain Mumukshu Mandal
Publication Year
Total Pages211
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size5 MB
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