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________________ ( १०५ ) उसकी सम्पूर्ण अवस्थाओं में रहता है । प्रश्न ( ३३ ) -- गंध गुण को गुण की परिभाषा में लगाम्रो ? उत्तर - गंध गुण पुद्गल द्रव्य के सम्पूर्ण भागों तथा उसकी सम्पूर्ण अवस्थानों में रहता है। प्रश्न (३४) - वैभाविक शक्ति को गुण की परिभाषा में लगानी ? उत्तर - वैभाविक शक्ति जीव तथा पुद्गल के सम्पूर्ण भागो उसकी सम्पूर्ण अवस्थाओं में रहती है । प्रश्न (३५) -- अस्पर्श गुण को गुण की परिभाषा में लगाओ ? उत्तर - अस्पर्श गुण जीव द्रव्य के सम्पूर्ण भाग तथा उसकी तथा सम्पूर्ण अवस्थानों में रहता है । प्रश्न ( ३६ ) -- क्या श्रद्धा गुण सम्पूर्ण दव्यों के सम्पूर्ण भागों में और सम्पूर्ण अवस्थाओं में त्रिकाल रहता है ? उत्तर - नहीं भाई ! श्रद्धा गुण मात्र जीव द्रव्य में पाया जाता है सब द्रव्यों में नहीं पाया जाता है इसलिए तुम्हारा कहना गलत है इसलिए श्रद्धा गुण जीव द्रव्य के सम्पूर्ण भागों में और सम्पूर्ण अवस्थाओं में त्रिकाल रहता है बाकी द्रव्य में नहीं रहता ऐसा जानना चाहिए । प्रश्न ( ३७ ) -- क्या क्रियावती शक्ति गुण धर्म द्रव्य के सम्पूर्ण भागों में भौर सम्पूर्ण अवस्थाओं में त्रिकाल रहता है ? उत्तर - नहीं । क्रियावती शक्ति जीव तथा पुद्गल के सम्पूर्ण भाग तथा उसकी सम्पूर्ण अवस्थानों में रहता है । प्रश्न (३८) - क्या गति हेतुत्व गुण धर्म द्रव्य के सम्पूर्ण भागों
SR No.010118
Book TitleJain Siddhant Pravesh Ratnamala 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDigambar Jain Mumukshu Mandal Dehradun
PublisherDigambar Jain Mumukshu Mandal
Publication Year
Total Pages211
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size5 MB
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