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________________ ( 20 ) उत्तर - जो द्रव्य गुण पर्याय वाला है वही द्रव्य उत्पादव्यव्ययुक्त है। तथा वही द्रव्य प्रखण्ड सत् अनिर्वचनीय है । प्रश्न (२११) स्वत: सिद्ध किसे कहते हैं ? , उत्तर - वस्तु पर से सिद्ध नहीं है इश्वरादि की बनाई हुई नहीं है स्वतः स्वभाव से स्वयंसिद्ध है । यह तात्पर्य स्वतः सिद्धसे है 1 प्रश्न ( २१२ ) -- अनादि अनन्त किसे कहते हैं ? उत्तर - वस्तु क्षणिक नहीं है । सत् की उत्पत्ति नहीं है । न सत् का नाश होता है वह अनादि से है और अनन्त काल रहेगा यह तात्पर्य अनादिश्रनन्त से है । प्रश्न ( २१३ ) -- स्वसहाय किसे कहते हैं ? उत्तर- (१) पदार्थ अन्य पदार्थों से नहीं है । निमित्त या अन्य पदार्थों से न टिकता है और न परिणमन करता है । (२) अनादिअनन्त स्वभाव या विभाव, या शुद्धरूप स्वयं अपने परिणमन के कारण परिणमता है । (३) कभी किसी पदार्थ का अंश न स्वयं अपने में लेता हैं और न अपना कोई प्रश दूसरे को देता हैयह तात्पर्य स्वसहाय से है । प्रश्न (२१४) -- अनादिअनन्त भौर स्वसहाय में क्या अन्तर है ? उत्तर - अनादिअनन्त में उत्पत्ति और नाश से रहित बताना है और स्वसहाय में उसकी स्वतन्त्र स्थिति तथा रवतंत्र
SR No.010118
Book TitleJain Siddhant Pravesh Ratnamala 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDigambar Jain Mumukshu Mandal Dehradun
PublisherDigambar Jain Mumukshu Mandal
Publication Year
Total Pages211
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size5 MB
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