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________________ ( ५५ ) उत्तर - प्रश्न २१० से २१३ तक के अनुसार उत्तर दो । प्रश्न २१५ - क्या आत्मा को शरीर का आधार है ? उत्तर - प्रश्न २१० से २१३ तक के अनुसार उत्तर दो । प्रश्न २१६ – क्या लडकी को माँ-बाप का आधार है ? उत्तर - प्रश्न २१० २१३ तक के अनुसार उत्तर दो । प्रश्न २१७ – क्या स्त्री को पति का आधार है ? उत्तर - प्रश्न २१० से २१३ तक के अनुसार उत्तर दो । प्रश्न २१८ - क्या क्षायिक सम्यग्दर्शन को दर्शनमोहनीय के क्षयका आधार है ? उत्तर - प्रश्न २१० से २९३ तक के अनुसार उत्तर दो । प्रश्न २१६ - क्या मुनियो को २८ मूलगुणो का आधार है ? उत्तर - प्रश्न २१० से २१३ तक के अनुसार उत्तर दो । प्रश्न २२० - क्या श्रावको को १२ अणुव्रतो का आधार है ? उत्तर - प्रश्न २१० से २१३ तक के अनुसार उत्तर दो । प्रश्न २२१ -क्या केवलज्ञान को केवलज्ञानावरणीय कर्म के क्षय का आधार है ? उत्तर - प्रश्न २१० से २१३ तक के अनुसार उत्तर दो । प्रश्न २२२ - क्या सुख के लिए लडका आधार है ? उत्तर - प्रश्न २१० से २१३ तक के अनुसार उत्तर दो । प्रश्न २२३ - क्या ज्ञान के लिए शास्त्र का आधार है ? उत्तर - प्रश्न २१० से २१३ तक के अनुसार उत्तर दो । प्रश्न २२४ – क्या चारित्र को शरीर की त्रिया आधार है ? उत्तर - प्रश्न २१० से २१३ तक के अनुसार उत्तर दो । प्रश्न २२५ - क्या गुरु को शिष्य का भाधार है ? उत्तर - प्रश्न २१० से २१३ तक के अनुसार उत्तर दो । प्रश्न २२६ - अनादि से लडकी ने किस-किस का आधार माना और उसका क्या फल रहा ?
SR No.010117
Book TitleJain Siddhant Pravesh Ratnamala 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDigambar Jain Mumukshu Mandal Dehradun
PublisherDigambar Jain Mumukshu Mandal
Publication Year
Total Pages253
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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