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________________ की दृष्टि से और शिलालेख की अपनी विशिष्टता के कारण उसे इस महत्वपूर्ण स्थान में अंकित किया गया है । अन्यथा महाराज खारवेल ने अपनी प्रग्रमहिषी के लिये उसी गुफा के निकट जो प्रतिसुन्दर समाश्रय रूप गुफा बनवाई थी, उसी में इस शिलालेख को भी स्थान दे देते। हाथी गुफा तीर्थस्थान के कारण ही अधिक मान्य और प्रतिष्ठित हो गई थी और महाराज खारवेल ने उसका प्रकृत्रिम भद्दा रूप अक्षुण्ण रखते हुए भी इसे इतना महत्व दिया था ।" " महावीर के नारी संघ में चन्दना सर्वोत्तम साधिका थी । अपने अनिन्द्य सौन्दर्य के कारण उसे असीम कष्ट भोगने पड़े, किन्तु उसने कहीं पर भी सतीत्व को त्यागा नहीं । वह प्राजन्म ब्रह्मचारिणी रही । महावीर की भक्ति उसके जीवन का सम्बल थी । जब महावीर को केवल ज्ञान हुआ, तब उसने दीक्षा ले ली । उसका कठोर तप नारियों के लिये ईर्ष्या का विषय बना । वह अपने सौन्दर्य में जैसे प्रसिद्ध थी, आगे चलकर उसकी आध्यात्मिक साधना भी वैसे ही ख्याति प्राप्त हुई । सुन्दरी चन्दना ने अपने जीवन से जिस प्रादर्श की रचना की थी, वह आज भी नारी जगत के लिये अनुकरणीय है । १. देखिए वही, पृ० ८२ । 555555ड १० फफफफफफफ
SR No.010115
Book TitleJain Shodh aur Samiksha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPremsagar Jain
PublisherDigambar Jain Atishay Kshetra Mandir
Publication Year1970
Total Pages246
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size20 MB
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