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________________ -६४] पटना संग्रहालय बीदर ( मैसूर) लिपि-११वी सदी की, कमड यह अधूरा लेख संग्रहालय मे रखा है। जिनशासन की प्रशंसा से इस का प्रारम्भ होता है। यम-नियम आदि शब्दो से प्रारम्भ होने वाली एक प्रशस्ति बाद मे है। रि० ३० ए० १९५६-५७, पृ.६१ शि० क्र० बी १०३ ६१.६२-६३ हनुमकोण्ड ( वरंगल, आन्ध्र ) लिपि-११वी सदी की, कन्नड-तेलुगु यहाँ पहाडी पर पद्माक्षी देवी के मन्दिर के पास तीन लेख खुदे है । इन मे एक बहुत अस्पष्ट है । दूसरे मे निम्नलिखित नाम है श्रीप्रभाचद्रदेवर माधवशेटि तीसरे लेख में कन्नबोय यह नाम अकित है। __ रि० १० ए० १९५८-५६, शि० क. बी ११६-२१ पटना संग्रहालय (बिहार ) लिपि-११वीं सदी की, सस्कृत-नागरी बिहार शरीफ से प्राप्त स्तम्भ पर यह लेख है। इस में किसी जैन आचार्य की प्रशंसा है। रि०० ए० १९६०-६१, शि० क्र. बी.
SR No.010114
Book TitleJain Shila Lekh Sangraha 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVidyadhar Johrapurkar
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year1971
Total Pages97
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size2 MB
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