SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 349
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ मुलगुन्दके केस ४३१ मुलगुन्द (धारवाड, मैसूर ) शक १३४२ सन् १९९०, कसद [ यह लेख वैशाख शु० १४, रविवार, शक १३४२, शार्वरी संवत्सरका है। इस समय रायराजगुरु हेमसेनके शिष्य बुलिसेट्टिका समाधिमरण हुआ था। [रि० सा० ए० १९२६-२७ क्र० ई० ९५ पृ०८] मुलगुन्द ( धारवाड, मैसूर) शक १३४३ सन् १४२१, संस्कृत-कन्नड [ यह लेख चन्द्रनाथबसदिमें है। इसकी तिथि भाद्रपद शु० ९, शुक्रवार शक १३४३ प्लव संवत्सर है। इस समय स्वरटौरके तिलकरसके मन्त्री हेग्गडे मदुवरसके पुत्र नागरसकी मृत्यु हुई थी।] [रि० सा० ए० १९२६-२७ क्र० ई० ९४ पृ०८ ] गेरसोप्पे ( मैसूर) शक १३४३=सन् १४२१, संस्कृत-कन्नर १ श्रीमत्परमगंभीरस्याद्वादामोघलांछन । जीवात् त्रैलोक्य नाथस्य शासनं जिनशासनं ॥ श्रीजम्बूद्वी२ पमध्यस्थितजनसर"स्मारवाम्बकृतश्रायर"तर"जिनपदपद्मभंग"स्तमित""जायातं पसनं त्यतपंक
SR No.010113
Book TitleJain Shila Lekh Sangraha 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVidyadhar Johrapurkar
PublisherManikchand Digambar Jain Granthamala Samiti
Publication Year
Total Pages568
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy