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________________ २१६ जैनशिलालेख संग्रह २८६ कान्तराजपुर ( मैसूर ) १२वीं सदी, कन्नड १ श्रीमत्परमगंमीरस्याद्वादामोघ २ लांछनं (1) जीयात् त्रैलोक्यनाथस्य शा ३ सनं जिनशासनं ॥ [ २८६ ४ स्वस्ति श्रीमन्महाप्रतापचक्रवर्ति गण्डभेरुण्ड मलपरोल् ५ गण्ड शनिवारसिद्धि गिरिदुर्गमल्क चलदंकराम होयसळवी६ बल्लालदेवरु सुखसंकथा विनोददि पृथ्वी) राज्य गेयुतु७ तमिरे || ततुश्रीपादसेव करु कब्बहिनवृत्तिय अधिष्टा८ यकरु महापसायतरु परमविश्वामिगल सामिसन्8 तोषकरू सेवुणकटक सूरेकाररुं शरणागतत्रज्रपंजर१० रुमप्प बेहूरमोतद सुग्गियनहल्लिय भरकेरेय बो११ कंयनायक होनहल मादेयनायक कलियनायक १२ बाचिहल्लिय बोकयनायक बेल्लूर माचयनायक मोनू१३ गलाचार्य केस वेयनायक चलुवन माचयनाय - १४ क अरसयनायक बरजियन माचयनायक मसणेय१५ नायक कोलेयादिनायक बचन मारेयनायक कोलेयत१६ न माचयनायक बलेयन मारेयनायक हलवनाय१७ कन बचेयनायक बोम्मेर कयिदालद बंयक कमविथ१८ नायक हेगडेनायक मैलेयनायक मारदेव बालना
SR No.010113
Book TitleJain Shila Lekh Sangraha 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVidyadhar Johrapurkar
PublisherManikchand Digambar Jain Granthamala Samiti
Publication Year
Total Pages568
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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