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________________ - १२८ ] मस्की आदिके लेख १२६ मस्की ( रायचूर, मैसूर ) शक ९५३ = सन् १०३२, कन्नड ७७ [ यह लेख चालुक्य सम्राट् जगदेकमल्लके राज्यकालमें फाल्गुन शु० ९, सोमवार, शक ९५३, प्रजापति संवत्सरके दिन लिखा गया था । इसमें सिगणके जगदेकमल्लजिनालयके लिए राजा द्वारा कुछ भूमि आदिके दानका उल्लेख है । अष्टोपवासि कनकनन्दिभट्टारके निवेदनपर वह दान दिया गया था । स्थान राजधानि पिरियमोसंगि यह था । ] [रि० इ० ए० १९५३-५४ क्र० २४७ पृ० ४२ ] १२७ कागिनेल्लि ( धारवाड, मैसूर ) ( शक ९ ) ५४ = सन् १०३२, कन्नड [ यह लेख चालुक्य राजा जगदेकमल्लके राज्यमे ५४ ( शक ९५४ ) वर्षमे लिखा गया था । इसमे जिनधर्मके भक्त कामदेवके एक पुत्र तथा आयतवर्माका उल्लेख है । इन्होंने एक मन्दिरके लिए कुछ सुवर्ण आदि दान दिया था । ] [रि० स० ए० १९३३-३४ क्र० ई० २३ पृ० १२० ] १२८ रायबा (मैसूर) शक ९६३ = सन् १०४१, कन्नड [ यह लेख आदिनाथ मन्दिर के मण्डपमे लगा है । तिथि चैत्र व० १४, शक ९६३, शुक्रवार, विक्रम संवत्सर ऐसी दी है । अन्य विवरण प्राप्त नहीं है । ] [रि० इ० ए० १९५५-५६ क्र० १५४ पृ० ३४ ]
SR No.010113
Book TitleJain Shila Lekh Sangraha 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVidyadhar Johrapurkar
PublisherManikchand Digambar Jain Granthamala Samiti
Publication Year
Total Pages568
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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