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________________ or जैन - शिलालेख संग्रह L होगेकेरी - संस्कृत तथा कन्नड़ । [ शक १४१२ = १४६० ई० ] [ होगेकेरी में, पार्श्वनाथ वस्तिके एक पाषाणपर ] नमस्तुङ्ग इत्यादि ॥ स्वस्ति श्रीमन्महा-मण्डलेश्वरं सङ्गि-राय-वोडेयरवर कुमार यिन्दगरस - वोडेयर संगीतपुर-बर- राजधानियलु यिदु हाडवल्लिय राज्य-मुन्ताद समस्तराज्यङ्गळनु सद्धर्म्म-कथाप्रसङ्गदिं प्रतिपालिसुतं यिईन्दिन शालिवाहन शकaar १४१२ नेय सौम्य - संवत्सरद कार्त्तिक- ब ७ शुक्रवारदलु श्रीमन्महामण्डलेश्वरं यिन्दगरस -वोडेयर निरूपदिन्द बोम्मण-सेट्ठियर मग पदुमणसेट्टियरु बरसिद धर्मशासनद भाषा क्रमवेन्तेन्दरे यिन्दगरस-बोडेयर कैयलु पदुमण-सेट्टि मूलवनु कोण्डु आळुत्तं यिद वोगेयकेरेय-बोळगे चयि ( चै ) त्यालयवनु कट्टिति पारिश्वतीर्थेश्वर प्रतिष्ठेयनु माडि आं-पारिश्व-तीर्थेश्वररिङ्गे प्रतिदिन त्रि-काल- अभिषेक पूजे मूरु कार्त्तिक- पूजे मूरु नन्दीश्वरद अष्टाह्निक - शिवरात्रे अक्षय-तदिगे श्रुत-पञ्चमी कैयकिय होथिर्वाह्न जीवदयाष्टमी कैयक्किय सूवति गर्भावतरण जल्मा ( जन्मा ) भिषेक दीक्षा कल्याण केवल -ज्ञान-कल्याण निर्वाण -कल्याणङ्गळेम्ब पारिश्व-तीर्थेश्वर पञ्च-कल्याण-मुन्ताद नैमित्तिकङ्गळल्लि माडुव अभिषेक पूजे-धर्म्मङ्गळ अङ्गरङ्ग-नैवेद्यंगळि रोन्दु-तण्डु-तर्पास्वगळ आहार-दान के पूजक भान्दारिगळु मालेयवर मुन्तादवरिगे विडिसि माडिद धर्मस्थळङ्गळ विवर ( शेषमें दानकी विस्तृत चर्चा आदि है ) । [ शम्भुको नमस्कार इत्यादि । जिस समय महा-मण्डलेश्वर सङ्गी-राय-वोडेयर का पुत्र इन्दगरस- वोडेयर् राजधानी सङ्गीतपुरमें था : ( उक्त मितिको ) महा-मण्डलेश्वर इन्दगरस -
SR No.010112
Book TitleJain Shila Lekh Sangraha 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGulabchandra Chaudhary
PublisherManikchand Digambar Jain Granthamala Samiti
Publication Year1957
Total Pages579
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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