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________________ समाज के प्रमुख प्रबुद्ध नेतामों में परिगणित। जन्म १. अप्रैल १८७४, स्वर्गवास १७ सितम्बर १९५११०। अमित प्रसाद मंग- (१९०२-७७६०), एम. ए., एल-एल. बी., वकील, सहारनपुर में बकालत की, स्वतन्त्रता सेनानी के माते बेलयाषाएँ भी की, कुशल राजनेता, उत्तर प्रदेश तथा केन्द्र की राजनीति में उल्लेखनीय स्थान रहा, १९३६.४७ में विधानसभा के सदस्य, तदनन्तर संविधान निर्मात्री परिषद के एकमात्र जैन सदस्य, लोकसभा के सांसद, राज्यसभा के सदस्य, प्रान्तीय कांग्रेस के अध्यक्ष, केन्द्रीयमग्निमंडल के सदस्य, केरल के राज्यपाल, आदि अनेक उत्तरदायित्वपूर्ण पदों पर कार्य किया। गूंगे-बहरे बच्चों के लिए एक स्कूल स्थापित किया। अनेक बार विदेश यात्राएं को। मतरसेन जंग, बी.ए- सदर मेरठ निवासी स्व. वा. गिरवरसिंह रईस के पोष्यपुत्र थे, जो १९२० ई. के लगभग सपत्नीक जापान चले गये थे, और जापानी नागरिक बनकर वहीं बस जाने वाले शायद प्रथम न थे। क्रान्तिकारी रासदा, नेताजी सुभाषचन्द्र बोस आदि से सम्पर्क रहे। जापानयात्रा करने वाले भारतीय जैन विद्वानों एवं संस्कृतिसेषियों का भातिथ्य उत्साह से करते थे। पतरसेन बसमक्त'- मेरठ (३०प्र०) निवासी ला० अतरसेन जन देशभक्त' बड़े गरम गांधीवादी कांग्रेसी कार्यकर्ता थे, उर्दू में 'देशभक्त' नामक मसबार निकालते थे जो अंग्रेजी सरकार द्वारा कई बार बतहबा, १९२१ बोर १९१.१.के बाग्दोलनों में उन्होंने जेल यात्राएँ भी की। स्वतन्त्रता प्राप्ति के आसपास ही स्वतन्त्रता सेनानी का निधन हो गया था। [उ. प्र. . ८४] मतिसुबराब- वि.जन, ल. १८००ई० में श्रीपाल चरित्र की रचना को दी। [.प्र. ज. ७८] बनतीति भूमि- २.वीं शती के प्रारम्भ के मगमग दक्षिण भारत से उत्तर की बोर विहार करने वाले शायद प्रथम दिन. मुनिराज थे, बम्बई में इनके नाम से बनन्तकीति दिग. जैन अन्धमामा स्था १६६ ऐतिहासिक व्यक्तिको
SR No.010105
Book TitleJain Jyoti
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJyoti Prasad Jain
PublisherGyandip Prakashan
Publication Year1988
Total Pages205
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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