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________________ } और दानशीला नर्मसी भगवती देवी द्वारा प्रदत्त अढ़ाई साथ ० के दान से भगवती देवी शिक्षा समिति को स्थापना की, जिसके द्वारा एक कालिय एक हायर सेकेन्डरी विद्यालय, एक प्रायमरी शाला तथा एक बालमंदिर चलाये जा रहे हैं। १९७४ में भारत के राष्ट्रपति ने इन्हें अभिनन्दन ग्रन्थ भेंट किया था । अजित कुमार, पंडित, शास्त्री-- जन्म आगरा जिले के चावलो ग्राम में १९०० ६०, स्वर्गवास २० मई १९६८ ई० शान्तिवीर नगर महावीर जी में, १९२४ से १९४७ तक मुस्तान में रहे, अध्यापकी, व्यापार और प्रेस में संलग्न रहे । देश के विभाजन के समय सहारनपुर मा गये, तदनंतर दिल्ली में रहे अन्तिम दो वर्ष उदासोन श्रावक के रूप में शान्तिवीर नगर -महावीर जी में रहे । अच्छे विद्वान, ओजस्वी वक्ता, उद्भट् शास्त्रार्थी, जंगगजट, जैन दर्शन आदि कई पत्रों के वर्षो सफल सम्पादक रहे, सत्यार्थदर्पण (स्वा० दयानन्द कृत सत्यार्थप्रकाश का प्रत्युत्तर) तथा सत्पथदर्पण, अनेकान्त परिचय, दैनिक जीवनचर्या आदि लगभग एक दर्जन पुस्तकों के रचयिता [दिवस. १८०-१५१] अजित प्रसाद (१८७४-१९५२ ई०), 'अजिताश्रम' (गणेशगज, लखनऊ ) के जिन्दल गोजीय अग्रवाल, दिग. जैम ला० देवीदास जैन के सुपुत्र, एम. ए., एल. एल. बी., वकील, लखनऊ में सरकारी वकील तथा जावरा- राज्य में जज भी रहे। बड़े समाजचेता, सज्जन थे, स्व० बज जगमदरलाल जैनी, कुमार देवेन्द्रप्रसाद ( आरा), ब्र. शीतलप्रसाद, बेरि, बम्पतराय, महात्मा भगवानदीन आदि के साथी एवं सहयोगी, ऋषभ ब्रह्मचर्याश्रम हस्तिनापुर सेन्ट्रल जैन पब्लिशिग हाउस, मा. दि. जैन परिषद मादि के सस्थापकों मे से थे, लगभग दो दशक अग्रेजी जंनगजट के सम्पादक एव प्रकाशक रहे, पुरुषार्थसिद्धयोमाय, अमितगतिकृत द्वात्रिंशिका, गोम्मटसार (कर्मकांड-भा० २) आदि के अग्रेजी अनुवाद किये, देवेन्द्रचरित, व सीतल आदि कई पुस्तकें तथा स्वयं का आत्मaft 'अज्ञात जीवन' लिखी । अपने समय मे दिग० जन ऐतिहासिक व्यक्तिकोश १६५
SR No.010105
Book TitleJain Jyoti
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJyoti Prasad Jain
PublisherGyandip Prakashan
Publication Year1988
Total Pages205
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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