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________________ AANT अर्जुन सिंह शिक्षा मंत्री, मध्यप्रदेश भोपाल दिनांक-३० जून, १९७३. प्रिय डा० पटैरिया, मैंने आपके शोध-प्रबंध की संक्षेपिका देखी। मुझे यह देखकर बडी प्रसन्नता हुई कि "जनदर्शन आत्मद्रव्यविवेचनम्" नामक अपने मूल शोधप्रबध मे जीवन जगत के अत्यन्त अपरिहार्य प्रश्नो के सबंध में प्राचार्यों और मीमासाकारो द्वारा प्रस्तुत व्याख्याओं को आपने बड़ी निपुणता से सरल और सुबोध शैली में प्रस्तुत किया है। भारतीय मनीषियों ने बड़ी गहराई मे जाकर मानव जीवन के चिरंतन प्रश्नो का अनुसंधान किया है और उनके सम्यक् समाधान प्रस्तुत किये हैं। मैं आशा करता हूँ कि अध्येताओ और जिज्ञासुओं को आपका अथ उपयोगी साबित होगा। शुभकामनाओ सहित भवदीय: अर्जुन सिंह
SR No.010091
Book TitleJain Darshan Atma dravya vivechanam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorM P Patairiya
PublisherPrachya Vidya Shodh Academy Delhi
Publication Year1973
Total Pages190
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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