SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 251
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ प्रतिज्ञा-सूत्र सामायिक क्या है ? इस प्रश्न का उत्तर 'करेमि भ'ते' के मूल पाठ मैं स्पष्ट रूप से दे दिया गया है । सामायिक प्रत्याख्यान-स्वरूप है, सवर रूप है, अतएव कम-से-कम दो घडी के लिए पाप रूप व्यापारो का, क्रियाग्रो का, चेष्टाओ का प्रत्याख्यान - त्याग करना, सामायिक है । २३१ सामायिक की प्रतिज्ञा * साधक प्रतिज्ञा करता है-हे भगवन् । जिनके कारण अन्तर्हृदय पाप-मल से मलिन होता है, आत्म-शुद्धि का नाश होता है, उन मन, वचन और शरीर-रूप तीनो योगो की दुष्प्रवृत्तियो का स्वीकृत नियमपर्यन्त त्याग करता हूँ । अर्थात् मन से दुष्ट चिन्तन नही करूँगा, वचन से असत्य तथा कटु-भाषण नही करूंगा, और शरीर से हिंसा आदि किसी भी प्रकार का दुष्ट श्राचरण नही करूंगा । मन, वचन, एव शरीर की शुभ प्रवृत्ति-मूलक चचलता को रोक कर अपने-आपको स्व-स्वरूप मे स्थिर तथा निश्चल वनाता हूँ, आत्म शुद्धि के लिए आध्यात्मिक क्रिया की उपासना करता हूँ, भूतकाल मे किए गए पापो से प्रतिक्रमण के द्वारा निवृत्त होता हूं, आलोचना एव पश्चत्ताप के रूप मे श्रात्मसाक्षी से निन्दा तथा प्रापकी साक्षी से गर्हा करता हूँ, पापचार मे सलग्न अपनी पूर्वकालीन ग्रात्मा को वोसराता हूँ, फलत दो घडी के लिए सयम एव सदाचार का नया जीवन अपनाता हूँ । " यह उपर्युक्त विचार, सामायिक का प्रतिज्ञा सूत्र कहलाता है । पाठक समझ गए होगे कि कितनी महत्त्वपूर्ण प्रतिज्ञा है । सामायिक का ग्रादर्श केवल वेश बदलना ही नही, जीवन को बदलना है । यदि सामायिक ग्रहरण करके भी वही वासना रही, वही प्रवचना रही, वही क्रोध, मान, माया और लोभ की कालिमा रही, तो फिर सामायिक करने से लाभ क्या ? खेद है कि प्रमाद मे, राग-द्वेष मे, सासारिक प्रपचो मे उलझे रहने वाले आजकल के जीव नित्य प्रति सामायिक करते हुए भी सामायिक के प्रद्भुत अलौकिक सम-स्वरूप को नही देख पाते हैं । यही कारण है कि वर्तमान युग मे सामायिक के द्वारा आत्म-ज्योति के दर्शन करके वाले विरले ही साधक मिलते है |
SR No.010073
Book TitleSamayik Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmarmuni
PublisherSanmati Gyan Pith Agra
Publication Year1969
Total Pages343
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy