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________________ [ ४४ ] कमरूप नहीं है, अर्थात् केवलज्ञानादि अनन्तगुणरूप अपने स्वरूपको छोड़कर कर्मरूप नहीं परिणमता, और ये ज्ञानावरणादि द्रव्य-भावरूप कर्म भी आत्मस्वरूप नहीं परिणमते, अर्थात् अपने जड़रूप पुद्गलपनेको छोड़कर चैतन्यरूप नहीं होते, यह निश्चय है कि जीव तो अजीव नहीं होता, और अजीव है, वह जीव नहीं होता । ऐसी अनादिकालको मर्यादा है। इसलिये कर्मोंसे भिन्न ज्ञान-दर्शनमयी सब तरह उपादेयरूप (आराधने योग्य) परमात्माको तुम देह रागादि परिणतिरूप बहिरात्मपनेको छोड़कर शुद्धात्म परिणतिकी भावनारूप अन्तरात्मामें स्थिर होकर चिन्तवन करो, उसीका अनुभव करो, ऐसा तात्पर्य हुआ ।।४।। अत ऊर्ध्वं स्वदेहप्रमाणव्याख्यानमुख्यत्वेन षट्स्त्राणि कथयन्ति । तद्यथाकि वि भणंति जिउ सव्वगउ जिउ जडु के वि भणंति । कि वि भणंति जिउ देह-समु सुगणु वि के वि भणंति ॥५०॥ केऽपि भणन्ति जीवं सर्वगतं जीवं जडं केऽपि भणन्ति । केऽपि भणन्ति जीवं देहसमं शून्यमपि केऽपि भणन्ति ॥५०॥ ऐसे तीन प्रकार आत्माके कहनेवाले पहले महाधिकारके पांचवें स्थल में जैसा निर्मल ज्ञानमयी प्रगटरूप शुद्धात्मा सिद्धलोकमें विराजमान है, वैसा ही शुद्धनिश्चयनयकर शक्तिरूपसे देहमें तिष्ठ रहा है, ऐसे कथनकी मुख्यतासे चौबीस दोहा-सूत्र कहे गये। इससे आगे छह दोहा-सूत्रों में आत्मा व्यवहारनयकर अपनी देहके प्रमाण है, यह कह सकते हैं--(केऽपि) कोई नैयायिक, वेदान्ती और मीमांसक-दर्शनवाले (जीवं) जीवको (सर्वगतं) सर्वव्यापक (भणंति) कहते हैं, (केऽपि) कोई सांख्य-दर्शनवाले (जीव) जीवको (जड) जड़ (भणंति) कहते हैं, (केऽपि) कोई बौद्ध-दर्शनवाले जीवको (शून्यं अपि) शून्य भी (भणंति) कहते हैं, (केऽपि) कोई जिनधर्मी (जीवं) जीवको (देहसमं) व्यवहारनयकर देहप्रमाण (भणंति) कहते हैं, और निश्चयनयकर लोकप्रमाण कहते हैं। वह आत्मा कैसा है ? और कैसा नहीं है ? ऐसे चार प्रश्न शिष्यने किये, ऐसा तात्पर्य है ।।५०॥ अथ वक्ष्यमाणनयविभागेन प्रश्नचतुष्टयस्याप्यभ्युपगमं स्वीकारं करोति अप्पा जोइय सव्व-गउ अप्पा जडु वि वियाणि । अप्पा देह-पमाणु मुणि अप्पा सुराणु वियाणि ।।५१॥
SR No.010072
Book TitleParmatma Prakash evam Bruhad Swayambhu Stotra
Original Sutra AuthorYogindudev, Samantbhadracharya
AuthorVidyakumar Sethi, Yatindrakumar Jain
PublisherDigambar Jain Samaj
Publication Year
Total Pages525
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size29 MB
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