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________________ [ १५ ] होता है। प्रभाकर भट्ट के प्रश्नों के उत्तर स्वरूप ग्रंथ तीन विभाग में पूर्ण किया गया ' है । द्वितीय महाधिकार में प्रभाकर भट्ट के प्रश्न पर योगीन्दुदेव ने मोक्ष, मोक्ष का कारण मोक्षफल इन तीन प्रश्नों पर व्याख्यान रचना बद्ध की है । यथा तिहुयरिण जीवहँ प्रत्थ रणवि सोक्खहँ कारणु कोई। मुक्खु मुए विणु एक्कु पर तेरणवि चितहि सोई ॥६॥ अर्थ-तीनों लोकों में जीवों को मोक्ष के सिवाय कोई भी वस्तु सुख का कारण नहीं है। एक मोक्ष ही सुख का कारण है । इसलिये तू नियम से एक मोक्ष का ही चितवन कर । जिसे महामुनि भी चितवन करते हैं । पाठकों ! देखिये कर्माष्ट नाशकर मोक्षप्राप्त करने का कितना सुलभ सरल हृदयग्राही चंद शब्दों में फार्मूला बतलाया गया है ___ "कि कर्मबद्ध जीव कर्म मुक्त अवस्था के चितवन से मुक्त हो सकता है।" इस सरल और सुलभ फार्मूले को जो भी स्वाध्यायी भव्य जीव, मुमुक्षु प्राणी, ग्रहण करेगा आनंद से प्लावित हो उठेगा। इस प्रकार के सरल हृदयस्पर्शी कथन से ग्रंथ भरा पड़ा है । ऐसा यह ग्रंथ कुल ३४५ दोहों में "परमात्म प्रकाश" का व्याख्यान पूर्ण हुवा है। संसार को प्रत्येक वस्तु को स्त्र से भिन्न देखने एवं पृथकत्व अनुभवन करने का उपदेश दिया है । आप रसास्वादन कर आनंद वद्ध न करें। वास्तव में जैन धर्म एक तपस्या प्रधान धर्म है जहां प्रात्मध्यान, प्रात्ममनन को विशेष महत्व दिया गया है । शुद्धभाव न बन पाने पर जीव शुभभाव पर प्राता है तब नाना प्रकार के शुभ भावों से जीव आलोड़ित होता है। तब भक्ति मार्ग में आता हुवा तीर्थ वंदना, पूजा, जाप्य विधान, महोत्सव आदि में सम्मिलित होता है। इस प्रकार प्रस्तुत ग्रंथ परमात्मप्रकाश, एवं श्री स्वयंभूस्तोत्र ब्र. शीतलप्रसादजी कृत भाषाटीका सहित एकही जिल्दमें पठन पाठन मनन धारण हेतु आपके हाथों में प्रस्तुत है। इसके प्रकाशन में कुकनवाली दि० जैन समाज ने उदारता से सहयोग दिया है। अतएव वे धन्यवाद के पात्र हैं। इत्यलम्, शुभं भूयात् । भवदीय_ परमेष्ठी चरण चंचरीक (डा० यतीन्द्रकुमार जैन शास्त्री) २५/२ गांधी नगर, आगरा (उ.प्र.).
SR No.010072
Book TitleParmatma Prakash evam Bruhad Swayambhu Stotra
Original Sutra AuthorYogindudev, Samantbhadracharya
AuthorVidyakumar Sethi, Yatindrakumar Jain
PublisherDigambar Jain Samaj
Publication Year
Total Pages525
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size29 MB
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