SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 316
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ स्थायी विरोध समिति का निर्णय यह सम्मेलन प्राबू (देलवाडा) के विश्वविख्यात जैन मन्दिरो के यात्रियो एव दर्शनार्थियो पर लगे हुए मुडका टैक्स को हटाने के कार्य के हेतु एक स्टैडिग कमेटी की योजना करता है । इसके सदस्यो की सख्या ५१ सदस्यो तक होगी और इसके सभापति श्री तनसुखराय जी जैन रहेगे । इसके दो मन्त्री रहेगे जिनमे एक प्रधान मन्त्री व दूसरे कार्यालय मन्त्री होगे । इसका आफिस सभापति व कमेटी को इस विषय मे पूर्ण अधिकार व स्वतन्त्रता देती है। स्वीकृत प्रस्ताव इस जरिये को हटाइये आबू मुडका विरोधी यह सम्मेलन महसूस करता है कि पाबू (देलवाडा) पर स्थित विश्व विख्यात जैन मन्दिरो के यात्रियो एव दर्शनार्थियो से मुडका के रूप मे जो कर लिया जाता है वह कलकित है और उसकी उपयोगिता भी नहीं है क्योकि इस मुंडका का जो रूप कुछ वर्षों पहले चौकी व बोलावे का था, वह अब नहीं रहा है। इसको सिर्फ जजिया ही कहा जा सकता है। क्योकि सिरोही राज्य ने इसको अपनी आय का एक जरिया बना लिया है, जो किसी भी दृष्टि से उचित नहीं माना जा सकता है । यह विशेष रूप से जैनो की धार्मिक स्वतन्त्रता का घातक है यद्यपि यह हर कीम, हर जाति व हर विचार के लोगो से लिया जाता है । इसलिये यह कान्फ्रेस सिरोही नरेश से सानुरोध निवेदन करती है कि इस अपमानजनक एव धर्मघातक टैक्स को हटावे। मुनिमण्डल से नेतृत्व का अनुरोध यह सम्मेलन अनुभव करता है कि जैन समाज मे मुनि-मण्डल का एक विशिष्ट स्थान और अद्वितीय प्रभाव है। इसलिये यह सम्मेलन उनसे सविनय प्रार्थना करता है कि वे प्राबू मन्दिर टक्स हटाने में सक्रिय भाग लेकर इसे सफल बनाने में सहयोग दे । अध्यक्ष का ओजस्वी भाषण ब्यावर २३ जनवरी । आज रात को दिल्ली अहमदाबाद एक्सप्रेस से पाबू मन्दिर टैक्स विरोधी सम्मेलन के सभापति लाला तनसुखराय जी जैन यहाँ पहुच गये । ११ बजे की ठिठुरती सरदी में भी सम्मेलन के अधिकारियो और जैन भाइयो ने आपका स्वागत किया। आपके साथ श्रीमती लेखवती जैन, लाला हेमचन्द्र जैन चेयरमैन मर्केण्टाइल एसोसिएशन देहली, ला. रत्नलाल जन मत्री जैन प्रेम सभा, डा० नन्दकिशोर आफिस सेक्रेटरी भ० भा० जैन परिषद् प्रादि भी आये है। इन अनुचित टैक्सो को कैसे दूर कराया जाय ? मेरे पास बहुत से पत्र आये है जिनमें मेरे भाइयो ने सत्याग्रह करने की सम्पति दी है। मैं जबानी जमा खर्च पर विश्वास नही करता मैं तो कार्य को कार्यरूप में परिणित करना चाहता हूँ। किसी बड़े काम करने के लिये सबसे २५२]
SR No.010058
Book TitleTansukhrai Jain Smruti Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJainendrakumar, Others
PublisherTansukhrai Smrutigranth Samiti Dellhi
Publication Year
Total Pages489
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth
File Size16 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy