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________________ [हमे लिखते हुए हर्ष होता है कि हमारे जैन समाज के उत्साही कार्यकर्ता ताला तनसुखरायजी जैन ने गत वर्ष १० लाख के मूलवन से तिलक बीमा कम्पनी लिमिटेड की स्थापना की थी और वह प्रगतिशील कम्पनी प्राशातीत उन्नति करती हुई देश के और समाज के लिए अत्यन्त उपयोगी बन रही है। हमारी अभिन्नापा है, जैन समाज के प्रत्येक व्यक्ति का इसको सहयोग प्राप्त हो ताकि और भी इसी तरह की उद्योगशील कमनिया खुलकर मनाज की वेकारी दूर करने में समर्थ हो सके । यहा हम कुछ कम्पनी के सम्बन्ध में अन्य सहयोगियो की सम्मति देते है जिससे प्रगट होगा कि अपनी यह कम्पनी कितनी तेजी से उन्नति करती हुई जनता की विश्वासभाजन बन गई है। --सम्पादक नामित्र "भारत की प्रसिद्ध प्रगतिशील राष्ट्रीय तिलक बीमा कम्पनी की प्रथम वार्षिक रिपोर्ट हमे समालोचनार्थ प्राप्त हुई है । यह कम्पनी भारत-विभूति लोकमान्य तिलक की पवित्र स्मृति मे १० लाख के मूलधन से स्थापित हुई है । ३० जून सन् ३८ को इसका प्रयन वर्ष सफलतानी को लेकर पूर्ण हुआ है । यो तो भारत में और भी देशी-विदेशीय वीमा कम्मनिया कार्य कर रही है, किन्तु तिलक बीमा कम्पनी कुछ उच्च आदर्श और लोकहित के कार्य को लेकर इस क्षेत्र में उनरी है । उसका मूल उद्देश्य भारत की प्रार्थिक स्थिति को वैज्ञानिक उग में उन्नन करना तया भारत की बढती हुई बेकारी को दूर करना है।' -नवभारत (नागपुर) "तिलक वीमा कम्पनी अपने प्रथम वर्ष मे ही पचासो पुरानी कम्पनियो को पीछे छोड़ कर पूरी कामयाबी के साथ आगे आयी है। प्रारम्भ से ही कम्पनी को भारत के प्रतिप्नि धनकुबेरो, व्यापारियो और बीमा-विशेषज्ञों का सहयोग प्राप्त रहा है। यही कारण है कि उक्त कम्पनी इस एक वर्ष मे ४०२४०० के शेअर्स वेत्र चुकी है। कहा जाता है कि वह बहुत चीत्र शेअर्स की विक्री वन्द कर देगी।" -सवित्र दरवार (देहली) "यह भारत की एक उदीयमान राष्ट्रीय वीमा कम्पनी है। इसने अपने पहले ही वर्ष में ११ लाख ४३ हजार का विजनिस प्राप्त करके आश्चर्यजनक उन्नति की है। इतने अल्प सम्य मे इतनी सफलता प्राप्त करने का सारा श्रेय हमारे एक जैन बन्धु को है, इसका हमें गर्व है। देहली के बाबू तनसुखरायजी जैन जो इसके मैनेजिंग डायरेक्टर है, वडे ही परित्रनी और उत्साही हैं। आप इस कम्पनी को भारत को एक आदर्श वीमा कम्पनी बनाने की चेष्टा कर रहे है। आप को सफलता प्राप्त हो यही भावना है।" --चीर सन्देन (नगरा) "तिलक बीमा कम्पनी ने निहायत कम अखराजात पर यह मव कान किया है। कम्पनी के डायरेक्टरो मे बेहतरीन कारोवारी अमहाब शामिल है। हमें उम्मीद है कि कम्पनी [..
SR No.010058
Book TitleTansukhrai Jain Smruti Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJainendrakumar, Others
PublisherTansukhrai Smrutigranth Samiti Dellhi
Publication Year
Total Pages489
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth
File Size16 MB
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