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जैनसम्प्रदायशिक्षा । करता हो तो अधिक वैरी उत्पन्न होते है, यदि घर के ऊपर बोले तो स्त्री की मृत्यु होती है अथवा अन्य किसी गृहजन की मृत्यु होती है तथा यदि तीन दिन तक बोलता रहे तो चोरी का सूचक होता है।
२४-चलते समय कबूतर का दाहिनी तरफ होना लाभकारी होता है, बाई तरफ होने से भाई और परिजन को कष्ट उत्पन्न होता है तथा पीछे चुगता हुआ होने से उत्तम फल होता है।
२५-यदि मुर्गा स्थिरता के साथ बाई तरफ शब्द करता हो तो लाम और सुख होता है तथा यदि भय से प्रान्त हो कर बाईं तरफ बोलता हो तो भय और क्लेश उत्पन्न होता है।
२६-यदि नीलकण्ठ पक्षी सामने वा दाहिनी तरफ क्षीर वृक्ष के ऊपर बैठा हुआ बोले तो सुख और लाम होता है, यदि वह दाहिनी तरफ हो कर तोरण पर आवे तो अत्यन्त लाम और कार्य की सिद्धि होती है, यदि. वह वाई तरफ और स्थिर चिच से बोलता हुआ दीखे तो उत्तम फल होता है तथा यदि चुप बैठा हुआ दीखे तो उत्तम फल नहीं होता है।
२७-नीलकण्ठ और नीलिया पक्षी का दर्शन भी शुभकारी होता है, क्योंकि चलते समय इन का दर्शन होने से सर्व सम्पत्ति की प्राप्ति होती है।
२८-आम को चलते समय अथवा किसी शुभ कार्य के करते समय यदि भौंरा वाई तरफ फूल पर बैठा हुआ दीखे तो हर्ष और कल्याण का करने वाला होता है, यदि सामने फूल के ऊपर बैठा हुआ दीखे तो भी शुभकारक होता है तथा यदि लड़ते हुए दो भारे शरीर पर आ गिरें तो अशुम होता है, इस लिये ऐसी दशा में वस्त्रों के सहित खान करना चाहिये और काले पदार्थ का दान करना चाहिये, ऐसा करने से सर्व दोष निवृत्त हो जाता है।
२९-ग्राम को चलते समय यदि मकड़ी बाई तरफ से दाहिनी तरफ को उतरे तो उस दिन नहीं चलना चाहिये, यदि बाई तरफ जाल को डालती हुई दीख पड़े तो कार्य की सिद्धि लाम और कुशल होता है, यदि दाहिनी तरफ से बाई तरफ को उतरे तो भी शुभ होता है, यदि पैर की तरफ से ऊपर जाँघ पर चढे तो घोड़े की प्राप्ति होती है, यदि कण्ठ तक चढ़े तो वस्त्र और आभूषण की प्राप्ति होती है, यदि मसक पर्यन्त चढ़े - तो राजमान प्राप्त होता है तथा यदि शरीर पर चढ़े तो वस्त्र की प्राप्ति होती है, मकड़ी का ऊपर को चढ़ना शुमकारी और नीचे को उतरना अशुभकारी होता है।
३०-आम को चलते समय कानखजूरे का बाईं तरफ को उतरना शुभ होता है तथा दाहिनी तरफ को उतरना एवं मस्तक और शरीर पर चढ़ना बुरा होता है ।