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________________ २६३ क्या तत्व अनेक कुतहलों से युक्त पनपने में पूर्ण है। पारिणी व चैवम बाला के प चित्रण के उदाहरण देखिए(1) दंधिवाह गहिणी पहागी, स्यवंतमा पारिणी रापी तुंग भबोहर बीरसर, कृति केस पुय नयब सुर्यगी हंस गमणि या मृग नयणि मब जोवण नव नेह पुरंगी और बालिका बम्बाला का पंचल यौवन और भोलापन कवि की वर्णन शैली की सरसता व सरलता का प्रतीक है। धुंमर भोली सा माता नार दी तस चंदन बाला (२१) . -- पाये धारिश कारज, गलइ उससउ सोहा द्वार कन्ने वीड स सरलिया बसु सिरि लंबउ केस कलार धणबइ धीय स चंदपा बी बिय देह पगाडि पार (१२) मेठ ने सद) बाला को दासी के रूप में त्र्य किया था पर उसके सहभा विनाता और चारित्रिक उत्कृष्टता से उसे पुत्री की भाति दुलार करने लगा। बहमी से पिता की भाति पूजने लगी। सेठ के पैर धोने समय से उसके नामों को अपनी गोदी सहिगा। सेठ की स्त्री या देखकर भाग का हो गई। उसने की सपत्ति में रखा हिर अंडमार इकड़ी बड़ी नाम बाल यिा। डीन सिने स्वयं को मिलाकी पत्या तीन राम का कम से ही मिन-कवि न करसी मेखि बाला ? का चित्रण यिा.. •पाय दिलायी परतीची माणे मा . मि मा बास निशान कति मायाधि नदिन्नंबाप (1) इधर श्री महावीर मापी में भी सिर , मीकी मनि पूरी मसा करने वाली रोबीसी के परमा करने
SR No.010028
Book TitleAadikal ka Hindi Jain Sahitya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHarishankar Sharma
PublisherHarishankar Sharma
Publication Year
Total Pages1076
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size84 MB
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