SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 271
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ R ectacturertistrestaterstistskitcobble-to-historishsessishtosbhaitraditionarietatorykickassttikature २४७ mmnarrammarrrrrrrrrrrrrrorresrorrenomenoramireemernmenmmmmmarmerrrrrrrrrrrrrrrrren विधि-विभाग 4.นคนคได้ไมไดใจไว้ใจใคยใยคน โซโรโรงใจใครไปได้ 5 คน बलि वाकुल वासक्षेप मन्त्र ॐ ह्रां ह्रीं सर्वोपद्रवं बिम्बस्य रक्ष रक्ष स्वाहा । ॐ णमो अरिहंताणं । ॐ णमो सिद्धाणं । ॐ णमो आयरियाणं । ॐ णमो उवज्झायाणं । ॐ णमो लोए सव्व साहूणं । ॐ णमो आगासगामीणं । ॐ णमो चारणलहीणं जेइमे किण्णर कि पुरुष महोरग गरुड़ गंधव्व जक्ख रक्ख पिसाय भूय डाइणप्पभइओ जिण घर णिवासिणो सण्णिहि याय ते सव्वे विलेवण धूव पुप्फ फल वइवसणाहि बलि पडिच्छं ता तुहिकरा भवंतु पुट्टिकरा संतिकरा भवंतु । सव्वं जणं करंतु सव्वोजिणाणं संहाण पभावओ पसण्ण भावओ सव्वस्थ रक्खं करंतु सव्व दुरियाणि णासंतु सव्व सिव मुव समंतु संति तुहि पुट्टि सिव सत्थयण कारिणो भवंतु स्वाहा । ___पातालाधिपतिर्योऽस्तु सर्वदा पद्मवाहनः । संघस्यशान्तयेसोऽस्तु बलि पूजां प्रयच्छतु ॥१०॥ अधोदिशा की तरफ बलिवाकुलादि चढ़ावे ॥२०॥ दशदिग्पालों को बली चढ़ाने के समय जल, चन्दन, पुष्प, धूप, दीप, १० पैसे, पान आदि चढ़ाने के बाद चंवर डुलावे, शीशा दिखावे, शङ्ख, घड़ियाल, झांझ आदि बजावे इसके बाद अखण्डजल की धारा देवे । __ निम्नलिखित १८ स्तुतियों द्वारा क्रिया करे । देव वन्दन विधि पहले इरियावही खड़े होकर पढ़े चार णमोकार का ध्यान करे, उसके बाद लोगस्स० कहे फिर तीन दफे भगवान् को नमन करे और णमुत्थणं. सव्वेतिविहेण वंदामि तक कहने के बाद अरिहंत चेइयाणं. करेमि काउसग्गं खड़े होकर करे अणत्थ. उससिएणसे अप्पाणं वोसिरामि तक कहकर एक णमोकार का कायोत्सर्ग करे और नमोर्हत्सिद्धा. कहकर निम्नलिखित स्तुति कहे : 6ไลนใดไอโคโตโองได้ดไดA ใจงใจในไตไว้ในใจให้ได้ในใจใน ไทโตได้ในนัดอะไนนี้ใจไยฝันไจโรงปัดนี้ให้ได้โดนจได้ในจอไอโอดโอนในไว้ได้ไte ปัดให้เป็นไปสักคไดองไe * सात अनाजों के नाम गेहूं, चना, उड़द, मूंग, जव (जौ), मकई, बार। यह सतनजा उवालते हैं और उबाल कर चढ़ाते हैं।
SR No.010020
Book TitleJain Ratnasara
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSuryamalla Yati
PublisherMotilalji Shishya of Jinratnasuriji
Publication Year1941
Total Pages765
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Religion
File Size32 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy