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________________ -११.] होलेनरसीपुर आदिक लेस ७१ महानायक रेचय्यके पुत्र अवसामिका उल्लेख है जो चातुर्वर्ण श्रमणमघका सहायक था । लिपि १०वी मदीकी है।] [ए. रि० मै० १९१३ पृ० ३१] १०८ होलेनरसीपुर ( मैमूर) १०वीं सदी, कन्नड [ यह लेख १०वी सदीकी लिपिम है। इसमें मुनिमुख्य महेन्द्रकीतिके ममाधिमरणका उल्लेख है।] [ए. रि० मै० १९१३ पृ० ३१ ] अंकनाथपुर (मैसूर) १०वीं मढी, कन्नड [ यह लेख १०वी सदीकी लिपिमें है। इसमें कदम्ब वशीय वासवेके पुत्र राचयके समाधिमरणका उल्लेख है। यह लेख वलदेवने स्थापित किया था।] [ए. रि० मै० १९१३ पृ० ३२] ११० कोडिहल्लि ( माण्ड्या, मैसूर) १०वीं सही, कन्नड १ . म २ य्य सन्य३ सन गेटद्ध ४ पुरड नॉ५ तु मुडिपि ६ दन् आतन ७ मगलप्य ८ विटक्क कल्ल ९ निऋमि(ल.) [इम निसिधि-लेखमे किमी मय्यके समाविमरणका निर्देश है। उसकी पुत्री विडक्कने यह समाधि स्थापित की थी। लेखकी लिपि १०वी सदीकी प्रतीत होती है।] [ए० रि० मै० १९४० पृ० १६० ]
SR No.010009
Book TitleJain Shila Lekh Sangraha Part 4
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVidyadhar Johrapurkar
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year
Total Pages464
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size10 MB
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