SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 252
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ जैनशिलालेख-संग्रह पोन्नूर (उ० अर्काट, मद्रास) राज्यवर्ष ७ = सन् १९९०, तमिल [यह लेख स्थानीय जैन मन्दिरमें है। मारवर्मन् विक्रमपाण्डयके राज्यवर्ष ७ मे विडालपरके नाट्टवर् (ग्रामप्रमुखो ) द्वारा आदिनाथके पल्लिविलागममें रहनेवाले लोगोसे प्राप्त करोका उत्पन्न इस जिनमन्दिरने पूजा आदिके लिए अर्पण किए जानेका इसमें उल्लेख है।] [रि० सा० ए० १९२८-२९ क्र० ४१५ पृ० ४०] हुमच (मैसूर) शक १२.७%= सन् १२९५, कनड , श्रीमत्परमगंभीरस्थाद्धादामोघलांछ२ नं जीयात् बेलोक्यनाथस्य शासनं जिनशासने स्वस्ति श्रीमतु सकवर्ष १२१७ नेय मनु मयसंवत्सरद चैत्र सुपाडिच वृहस्प५ तिवारददु श्रीमसिद्धान्तयोगी६ पादपकजनमर बम्मगवुड म• हापुरुषो"गतो सिद्धिं समाधिना। ८ नमनाण"गुणसेनमुनिश्वरं ९ "प्राविडान्वय ३० मौलिना [इस निसिविलेखमे धीमत् सिद्धान्त योगीन्द्रके शिष्य बम्मगवुडके समाधिमरणका उल्लेख है जो चैत्र शु०१, बृहस्पतिवार, शक १२१७ मन्मथसवत्सरके दिन हमा था। लेखके अन्तमें द्राविड अन्वयके गुणसन मुनीश्वरका नाम भी माता है।] [एक रि० म० १९३४ पृ० १७७ ]
SR No.010009
Book TitleJain Shila Lekh Sangraha Part 4
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVidyadhar Johrapurkar
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year
Total Pages464
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size10 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy