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________________ -३५. ] ताडकोड आदिक लेख २६३ २६३ ३५२-३५३ ताडकोड (धारवाड, मैमूर) राज्यवर्ष ११ = सन् २०८५, कन्नड [यह लेख यादव राजा रामचन्द्रकै गज्यवर्ष १४, चित्रभानु मंवत्सरका है। इन ममय कन्नरदेवी रानीकी आनामे सर्वाधिकारी मायदेवने एक जिनमन्दिर बनवाया था। यहींक अन्य लेखमें चन्द्रनायको नमस्कार कर वालचन्द्र गिप्य श्रीवासुपूज्यका उल्लेख किया है।] [रि० मा० ए० १९२५-२६ क्र० ४४४-४८५ पृ० ७६ ] कलकरी ( मैमूर) राज्यवर्ष 16-मन् १२८२, कन्नड [ यह लेख यादव राजा रामदेवक राज्यवर्ष १८ में पोप शु०८, वडवार, (म)धारि संवत्सरके दिन लिखा गया था। इसमें नागेयिसट्टि और मादक पुत्र मादय्यक समाधिमरणका उल्लेख है। इनके गुरु ममन्तमद्रदेव थे।] [रि० सा० ए० १०३५-३६ क्र० ई० ७२ पृ० १६७ ] ३५५ डम्बल (जि. धारवाड, मैसूर) पक 11-सन् १९९०, कन्नड [यह लेख रामदेव (यादव ) के ममयका है । धर्मवाललक महानागुके १६ प्रतिनिधि तथा नाडु ८ प्रतिनिधि एव नाल्बबीर चबुण्डके छोटे बन्यु सप्तरस-द्वारा नगर जिनालयके लिए कुछ करोका उत्पन्न दान देनका इसमें उल्लेख है। इसी मन्दिरको अय्वत्तोक्कल तया उगुरु ३००-द्वारा कुछ तेल वगैरहका दान भी दिया गया था। तिथि पौष शु. २, रविवार, शुक १२११, मबंधारी संवत्सर ऐसी दी है।] [रि० मा० ए० १९४४-४५ क्र० एफ ३]
SR No.010009
Book TitleJain Shila Lekh Sangraha Part 4
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVidyadhar Johrapurkar
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year
Total Pages464
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size10 MB
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