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________________ २१८ बैनशिलालेख-सग्रह [२८६ २८६ कान्तराजपुर ( मैसूर) १२वीं सदी, कन्नड १ श्रीमत्परमगमीरस्याद्वादामोध२ लांछन (1) जीयात् त्रैलोक्यनाथस्य शा३ सन जिनशासन ॥ ४ स्वस्ति श्रीमन्महाप्रतापचक्रवर्ति गण्डभेरुण्ड मलपरोल ५ गण्ड शनिवारसिद्धि गिरिदुर्गमक चलदकराम होयसलवी६ रवल्लालदेवरु सुखसंकथाविनोददि पृथ्वी) राज्य गैयुतु७ तमिरे ।। ततुश्रीपादसेवकर कब्बहिनवृत्तिय अधिष्ठा८ यकरु महापसायतर परमविश्वासिगल सामिसन्है तोषकरु सेवुणकटक सूरकाररु शरणागतवज्रपंजर१० रुमप्प बेहुरमोतट सुग्गियनहलिय भरकरेय बो११ केयनायक होनहाल मादेवनायक कलियनायक १२ वाचिहल्लिय बोकयनायक बेल्लूर माचयनायक मोन्१३ गलाचार्य केसवेयनायक चलुवन माचयनाय१४ क अरसयनायक बरजियन माचयनायक मसणेय१५ नायक कोलेयादिनायक बचन मारेयनायक कोलेयत१६ न माचयनायक बलेयन मारेयनायक हलवनाय१७ कन बचेयनायक बोम्मर कायदालद बयक कसविय१८ नायक हेग्गडेनायक मैलेथनायक मारदेव पालना
SR No.010009
Book TitleJain Shila Lekh Sangraha Part 4
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVidyadhar Johrapurkar
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year
Total Pages464
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size10 MB
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