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________________ -21] बटगका लेख m " यमनागि महगुगपदमावदिन टचमनगई विनुतबिमबदमून विष्णु बि२२ प्गुनहागं । स्वस्ति मनधिगतपंचमहागल महामंडलं. ६३ वरं द्वारावारबरावीश्वर यादवकुलगंवरद्युमणि मं११ नाग्चचूडामणि मलपगंलुगण्डं गग्डमनट भाकपुरीनिवास १५ वासनिकाईबाटग्यवरप्रसाट वानमन्मान्मंपादिनविप्रणगामोड १६ गमादिममतप्रशस्ति महिनं नलका कॉग नंगलि गंगवाहिनी: पंचवाहिनवामहानुंगलु गाँड नुनबनबान्गंग प्रतार । १० हायपगबर पृथ्वीगज्यं गंयुत्तमिर तपाढायोग्जीबिगटप्प ।। नाम - १० इंग्ल्ब र्ग मायनल ने पुष्टिय मंदिर श्रीमनग्ग्रिान२० युरहानगुण नग्नगद टाधिन । कग्गिनि सिंहमध्य क्ल२. सननि दोन्त्रःपुग्नवार्षि मिबिकटाने बलिमुवि बंग्यहि २२ गंडविलालनि नामुरं नुननानिमगन गुणरत्नत्रयोहारि की२३ निगोपनि म्यिग्मन् इक्कियक्कनन पाम्बर आर अमलकान्त ननुवं. २१ अन्नधानं चन्तिाय नंगलट ननं गगयर ।। नवगजिन दव्यमन्दि ३. हरियायन्नरटं नान कन्तंरगा श्रीभूव कुण्डदान्त्र२. अनगन निनिगिन्छ जबगिय मुनिन्द्रसिद्वान्नवर चन्द्रस्ट्टिान्नवर्ग श्रीमन्न्हायान बाटनायक नग्यिा- नयु श्रीमन्न्हामधान दानायक नानिमय्यगलु टिग१९ नत्र पंचवादियोलग बाहुबलिटम बाराव३० क मादि कोट नग्यिानसमुद क्यलुनं
SR No.010009
Book TitleJain Shila Lekh Sangraha Part 4
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVidyadhar Johrapurkar
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year
Total Pages464
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size10 MB
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